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This Article is From Jul 05, 2016

मोदी कैबिनेट विस्तार में शामिल नहीं होने से शिवसेना 'आहत', कहा- हमें तवज्‍जो नहीं दी गई

मोदी कैबिनेट विस्तार में शामिल नहीं होने से शिवसेना 'आहत', कहा- हमें तवज्‍जो नहीं दी गई
मुंबई: केंद्रीय मंत्रिमंडल के आज हुए विस्तार में शिवसेना को कोई जगह नहीं मिलने के बाद भाजपा और उसके बीच खाई और बढ़ सकती है। शिवसेना ने भाजपा को परोक्ष धमकी दी है कि वह मुंबई नगर निगम के चुनावों और महाराष्ट्र में अन्य स्थानीय निकाय चुनावों में इस बात को ध्यान में रखेगी। शिवसेना ने कहा कि भाजपा ने उसे तवज्जो नहीं दी है। पार्टी ने कहा कि वह अपने साथ हुए बर्ताव से आहत महसूस कर रही है, लेकिन वह किसी से कृपादृष्टि के लिए भीख नहीं मांगेगी।

शिवसेना प्रवक्ता मनीषा कायांदे ने कहा, 'पार्टी की राय है कि हम किसी मंत्री पद के लिए भाजपा से भीख नहीं मांगेंगे। अगर वे हमें सम्मान के साथ और हमारी मांगों के अनुरूप मंत्री पद देते हैं तो ठीक है। हमारी कुछ विशेष मांगें थीं, जिनके लिए हमने कहा था अथवा फिर हमें उनसे कोई मंत्री पद नहीं चाहिए।' उन्होंने कहा कि 'महाराष्ट्र में उनकी पार्टी का आधार और मजबूत हो रहा है तथा दूसरे राजनीतिक दलों के लोग शिवसेना में शामिल हो रहे हैं। इसका परिणाम अगले साल होने वाले बृहन्मुंबई नगर निगम के तथा अन्य स्थानीय निकाय चुनावों में दिखाई देगा।'

मनीषा ने कहा, 'मोदीजी कह रहे हैं कि वह क्षमता और प्रतिभा के आधार पर अपने मंत्रियों का चुनाव करेंगे ताकि वे अच्छा काम कर सकें। क्या उन्हें शिवसेना में कोई प्रतिभाशाली व्यक्ति नहीं दिखाई दिया? हम आज के विस्तार से आहत हैं और हमारे सहयोगी द्वारा हमारे साथ किए गए बर्ताव को भविष्य में होने वाले कई स्थानीय निकाय चुनावों में ध्यान में रखेंगे।'

मनीषा ने कहा, 'जब भी शिवसेना और भाजपा के बीच तकरार हुई तो भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने कहा कि हमारी समस्याएं आंतरिक हैं, जैसी एक घर में रहने वाले सदस्यों के बीच होती हैं। आज वे अपने ही घर के सदस्यों को भूल गए और हमें महत्व नहीं दिया?'

शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कल कहा था कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने मंत्रिमंडल विस्तार पर उनके साथ कोई बातचीत नहीं की है और उनकी पार्टी कृपादृष्टि के लिए किसी के दरवाजे पर जाकर नहीं खड़ी होगी।' शिवसेना अध्यक्ष ने संकेतात्मक अंदाज में कहा था कि '2014 में राजग के सत्ता में आने के बाद भी उनकी पार्टी को उचित जगह नहीं मिली।'

केंद्रीय मंत्रिमंडल में शिवसेना से एकमात्र प्रतिनिधि अनंत गीते हैं जो भारी उद्योग मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे हैं। पिछले कुछ महीने से शिवसेना ने भाजपा पर और राजग सरकार की नीतियों पर हमले तेज कर दिए, जिनमें अधिकतर उसके मुखपत्र सामना के माध्यम से किए गए और अक्‍सर उनमें भाजपा पर चुटकी ली जाती है।'

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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