इम्फाल:
मणिपुर से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून 1958 हटाने की मांग को लेकर 10 वर्ष से अधिक समय से अनशन कर रहीं इरोम शर्मिला चानू को न्यायिक हिरासत से रिहा कर दिया गया है। मणिपुर की लौह महिला के नाम से पहचानी जाने वाली शर्मिला को जे एन अस्पताल में रखा गया था जो उनके लिये जेल में तब्दील कर दी गयी थी। वहां उन्हें नासिका के जरिये आहार दिया जा रहा था। एक स्थानीय अदालत के आदेश पर बुधवार को उन्हें रिहा कर दिया गया। आमरण अनशन कर आत्महत्या करने की कोशिश करने के आरोप में शर्मिला को समय-समय पर गिरफ्तार और रिहा किया जाता रहा है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि उन्हें फिर से गिरफ्तार किया जा सकता है। शर्मिला ने नवंबर 2000 में इम्फाल हवाई अड्डे के निकट असम राइफल्स के कर्मियों द्वारा की गयी कथित मुठभेड़ में 10 नागरिकों की मौत होने के बाद अपना अनशन शुरू किया था। इस कानून को वापस लेने की मांग के चलते शर्मिला को कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार हासिल हो चुके हैं और विभिन्न सामाजिक संगठनों तथा नेताओं ने उन्हें समर्थन दिया है।
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