सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार से जजों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि इस मुद्दे को सिर्फ राज्यों के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता. गौरतलब है कि झारखंड के धनबाद जिले में जज उत्तम आनंद (Jharkhand Dhanbad Judge Murder) की कथित हत्या के मामले ने तूल पकड़ा हुआ है. संवेदनशील मामलों में फैसला देने वाले न्यायाधीशों की सुरक्षा को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है और हत्यारोपियों से पूछताछ कर वो पूरी साजिश का सच उगलवाने में जुटी हुई है.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वत संज्ञान लिया है. जजों की सुरक्षा को लेकर किए गए उपायों पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल न करने वाले राज्यों को अदालत ने चेताया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, राज्य सरकार जजों की सुरक्षा को लेकर गुलाबी तस्वीर पेश कर रही है, जबकि न्यायिक अधिकारियों पर लगातार हमले हो रहे हैं. राज्य सीसीटीवी के लिए फंड न होने का रोना रो रहे हैं. वो सिर्फ अपराधों का रिकॉर्ड दर्ज कर रहे हैं.
वे अपराधियों को हमला करने से नहीं रोक सकते और न ही धमकियों पर अंकुश लगा सकते हैं. कोर्ट ने राज्यों को एक हफ्ते की मोहलत दी है और स्टेटस रिपोर्ट दाखिल न की तो एक लाख रुपये जुर्माना लगाने की चेतावनी दी है. कोर्ट ने कहा कि अगर रिपोर्ट दाखिल न की जाए तो उस राज्य के मुख्य सचिव अदालत में पेश हों. धनबाद के जिला जज उत्तम आनंद (District judge Uttam Anand) की 28 जुलाई को ऑटो के जरिये टक्कर मारकर हमला किया गया था, जब वो सुबह की सैर के लिए निकले थे.
इसे पहले हिट एंड रन का केस माना जा रहा था, लेकिन सीसीटीवी फुटेज खंगाला गया तो कहानी कुछ और ही प्रतीत हुई. इसमें ऑटोचालक जानबूझकर सड़क के किनारे जाकर जज को टक्कर मारते दिखा और फिर वहां से भाग गया. जज उत्तम आनंद धनबाद में माफियाओं की हत्या से जुड़े कई मामलों को संभाल रहे हैं. उन्होंने दो गैंगस्टर की जमानत की याचिका को भी हाल में ही खारिज कर दिया था. वो एक विधायक के करीबी की हत्या के मामले की सुनवाई भी कर रहे थे.
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