समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता आईपी सिंह (IP Singh) NDTV पर लाइव डिबेट के दौरान भावुक हुए और उनके आंसू बहते रहे. यूपी (UP) में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के कारण मौजूदा बुरे हालात को लेकर वे अपनी बात कहते हुए अपनी भावनाओं को रोक नहीं पाए. वे बातचीत के दौरान कई बार रो पड़े. उन्होंने प्रदेश की बिगड़ती स्थिति के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) और उनकी सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि ''उत्तर प्रदेश में शहरों में, कस्बों में श्मशान घाटों पर जगह नहीं रह गई. फुटपाथों पर शव जलाए जा रहे हैं. कब्रिस्तान फुल हो चुके हैं. वहां जेसीबी मशीनें लगाई गई हैं. गांवों में लोग खेतों में दाह संस्कार करते हैं. चारों तरफ त्राहि-त्राहि मची हुई है. लेकिन ये नफरत की राजनीति करने वाले लोग हैं जिन्होंने जाति और धर्म के आधार पर राजनीति की है इसलिए इनसे हम यह उम्मीद नहीं कर सकते कि ये मरहम लगाने का काम करेंगे.''
आईपी सिंह ने ''यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार और बीजेपी की आलोचना करते हुए कहा कि वे लगातार झूठ बोलते रहे हैं. सिर्फ प्रचार में उपलब्धियां हैं. टाइम मैगजीन में छपवाने का काम, शहरों में बड़े-बड़े एड देने का काम आदित्यनाथ सरकार ने किया है. धरातल पर उत्तरप्रदेश 26 करोड़ की आबादी वाला बड़ा सूबा है. पिछले 14 महीने में ढाई लाख से ज्यादा मुकदमे दर्ज किए गए, जब सभी भाई-बहन वापस आ रहे थे, थानों पर लाठियां बरसाई गईं. उन्हें किसी तरह की मदद नहीं की गई.''
उन्होंने कहा कि ''केंद्र ने उत्तरप्रदेश सरकार को एक साल पहले लिखा था कि आप ऑक्सीजन प्लांट लगाईए. उत्तर प्रदेश में धेले भर का विकास का काम नहीं हुआ है, ठप पड़ा हुआ है. लोग ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए मारामारी कर रहे हैं. दवाइयों की ब्लैक मार्केटिंग हो रही है. पूरी सरकार योगी आदित्यनाथ के साथ आइसोलेशन में है. मैं तो यही कहूंगा कि आदित्यनाथ जी जब आप आइसोलेशन से बाहर आईए तो अपना कमंडल उठाईए और अपने मठ की तरफ जाईए. मैं आपसे नैतिकता के आधार पर इस्तीफा नहीं मांग सकता, आपने मानवता की हत्या की है.''
सिंह ने कहा कि ''प्रधानमंत्री जब एक तरफ कहते हैं कि दुनिया हमारी तरफ आशा भरी निगाहों से देख रही है, और दूसरी तरफ डावोस में वे संबोधित करते हैं तो सुनामी की बात करते हैं. आज सच में सुनामी घर-घर दस्तक दे रही है. आज लखनऊ ही नहीं, पूरा उत्तर प्रदेश पीड़ित है, हम सब पीड़ित हैं. बच्चे जीवन-मौत का संघर्ष कर रहे हैं. हम सब घरों में उनका इलाज कर रहे हैं. बेड नहीं मिलता.''
उन्होंने कहा कि ''मैंने एक ट्वीट तक नहीं किया कि मेरी पत्नी, मेरे बच्चे बहुत बीमार हैं और मैं 15 दिन से खुद उनका इलाज कर रहा हूं. ये हालात हैं और ये सरकार... मैं कुछ नहीं कह सकता. ये हालात उत्तर प्रदेश के... हमने अपने मित्रों को खोया है. लगातार लोग मर रहे हैं. लगातार लोगों के मैसेज आते हैं, लेकिन हम उनकी मदद नहीं कर पा रहे. 'टीम इलेवन' सुनना नहीं चाहती. मुख्यमंत्री का कार्यालय कोई फोन नहीं उठाता. अपोजीशन की बात सुनी नहीं जाती. हम किस से अपना दुख-दर्द कहें. अब तो मरने के बाद ही गिनती करना चाहती है यह सरकार. किससे कहा जाए.. किससे कहा जाए.. ''
आईपी सिंह ने कहा कि ''हमने दस दिन अपने बच्चों को खिलाया है हाथ से. हम खुद पॉजिटिव रहे लेकिन किसी से नहीं कहा. मेरी अपनी कॉलोनी में 11 से ज्यादा मौतें हुई है. सभी रिश्तेदार बीमार पड़े हैं. पैरासिटामॉल गांव में नहीं मिल पा रही है. किससे कहा जाए? इतना अयोग्य चीफ मिनिस्टर उत्तर प्रदेश के इतिहास में नहीं हुआ.''
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