बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
महाराष्ट्र सरकार ने 2002 के हिट-एंड-रन मामले में अभिनेता सलमान के बरी होने के बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
उच्चतम न्यायालय में हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें सलमान को ‘सभी आरोपों’ से बरी किया गया था। निचली अदालत ने उन्हें पांच साल की सजा सुनाई थी और इस आदेश को हाई कोर्ट ने पलट दिया था।
मामले से जुड़े सरकारी वकील संदीप शिंदे ने विशेष अनुमति याचिका में शामिल बातों के बारे में कहा, ‘अभियोजन पक्ष के सबूत को स्वीकार नहीं करके बॉम्बे हाई कोर्ट ने त्रुटि की है। निचली अदालत का आदेश सही था और उसे बरकरार रखा जाना चाहिए।’ हाई कोर्ट ने बीते वर्ष 10 दिसंबर को सलमान को बरी करते हुए कहा था कि अभियोजन पक्ष ‘बिना किसी संदेह के’ यह साबित करने में नाकाम रहा है कि अभिनेता घटना के समय वाहन चला रहे थे और नशे की हालत में थे।
सलमान की अपील पर हाई कोर्ट ने यह आदेश दिया था। सलमान ने निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी थी।
टोयोटा लैंड क्रूजर से जुड़े इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और चार अन्य घायल हो गए थे। यह घटना 28 अक्टूबर, 2002 की है।
हाई कोर्ट ने सलमान के पूर्व पुलिस अंगरक्षक रवींद्र पाटिल के उस बयान को ‘पूरी तरह अविश्वसनीय’ करार देते हुए खारिज कर दिया था जिसमें आरोप लगाया था कि सलमान शराब पीकर गाड़ी चला रहे थे।
उच्चतम न्यायालय में हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें सलमान को ‘सभी आरोपों’ से बरी किया गया था। निचली अदालत ने उन्हें पांच साल की सजा सुनाई थी और इस आदेश को हाई कोर्ट ने पलट दिया था।
मामले से जुड़े सरकारी वकील संदीप शिंदे ने विशेष अनुमति याचिका में शामिल बातों के बारे में कहा, ‘अभियोजन पक्ष के सबूत को स्वीकार नहीं करके बॉम्बे हाई कोर्ट ने त्रुटि की है। निचली अदालत का आदेश सही था और उसे बरकरार रखा जाना चाहिए।’ हाई कोर्ट ने बीते वर्ष 10 दिसंबर को सलमान को बरी करते हुए कहा था कि अभियोजन पक्ष ‘बिना किसी संदेह के’ यह साबित करने में नाकाम रहा है कि अभिनेता घटना के समय वाहन चला रहे थे और नशे की हालत में थे।
सलमान की अपील पर हाई कोर्ट ने यह आदेश दिया था। सलमान ने निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी थी।
टोयोटा लैंड क्रूजर से जुड़े इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और चार अन्य घायल हो गए थे। यह घटना 28 अक्टूबर, 2002 की है।
हाई कोर्ट ने सलमान के पूर्व पुलिस अंगरक्षक रवींद्र पाटिल के उस बयान को ‘पूरी तरह अविश्वसनीय’ करार देते हुए खारिज कर दिया था जिसमें आरोप लगाया था कि सलमान शराब पीकर गाड़ी चला रहे थे।
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