नई दिल्ली:
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) अपने नागपुर मुख्यालय में विजयादशमी उत्सव मना रहा है. खास बात है कि विजयादशमी उत्सव में नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी भी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए है. इस दौरान उन्होंने आरएसएस नेताओं से कहा कि आपने मुझे अपने स्थापना दिवस पर यहां आमंत्रित करके भारत के ही नहीं, बल्कि विश्व के करोड़ों वंचित और शोषित बच्चों की तरफ सम्मान, प्रेम और करुणा का हाथ बढाया है. मैं उन सबकी तरफ से आपका ह्रदय से आभारी हूं. इस दौरान कैलाश सत्यार्थी ने विजयादशमी पर्व और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई भी दी. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने इस दौरान बोलते हुए शहरी नक्सल का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि हिंसात्मक गतिविधियों के कर्ता-धर्ता अब शहरी माओवाद के पुरोधा बनकर राष्ट्रविरोधी आंदोलनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. संघ प्रमुख ने इस दौरान लोगों से नोटा न दबाने की अपील की. कहा कि इससे अयोग्य उम्मीदवारों को फायदा होता है.
जानिए किसने क्या कहा
-चुनाव में मतदान न करना अथवा NOTA के अधिकार का उपयोग करना, मतदाता की दृष्टि में जो सबसे अयोग्य उम्मीदवार है उसी के पक्ष में जाता है, इसलिए राष्ट्रहित सर्वोपरि रखकर 100 प्रतिशत मतदान आवश्यक है.
-हमारी पहचान हिन्दू पहचान है जो हमें सबका आदर, सबका स्वीकार, सबका मेलमिलाप व सबका भला करना सिखाती है। इसलिए संघ हिन्दू समाज को संगठित व अजेय सामर्थ्य संपन्न बनाना चाहता है और इस कार्य को सम्पूर्ण संपन्न करके रहेगा.
- संघ प्रमुख मोहन भागवत बोले- दृढ़ता से वन प्रदेशों में अथवा अन्य सुदूर क्षेत्रों में दबाये गये हिंसात्मक गतिविधियों के कर्ता-धर्ता व पृष्ठपोषण करने वाले अब शहरी माओवाद (Urban Naxalism) के पुरोधा बनकर राष्ट्रविरोधी आन्दोलनों में अग्रपंक्ति में दिखाई देते हैं
-संघ प्रमुख मोहन भागवत बोले- अनुसूचित जाति व जनजाति वर्गों के लिए बनी हुई योजनाएँ, उपयोजनाएँ (Subplans) व कई प्रकार के प्रावधान समय पर तथा ठीक से लागू करना इस बारे में केन्द्र व राज्य शासनों को अधिक तत्परता व संवेदना का परिचय देने की व अधिक पारदर्शिता बरतने की आवश्यकता है
-संघ प्रमुख मोहन भागवत बोले- अपने प्रकृतिस्वभाव पर पक्का व स्थिर रहकर ही कोई देश उन्नत होता है। अंधानुकरण से नहीं.
समाज में सब त्रुटियों को दूर कर उसके शिकार हुए समाज के अपने बंधुओं को स्नेह व सम्मान से गले लगाकर समाज में सद्भावपूर्ण व आत्मीय व्यवहार का प्रचलन बढ़ाना पड़ेगा
-कैलाश सत्यार्थी ने आरएसएस नेताओं से कहा कि आपने मुझे अपने स्थापना दिवस पर यहां आमंत्रित करके भारत के ही नहीं, बल्कि विश्व के करोड़ों वंचित और शोषित बच्चों की तरफ सम्मान, प्रेम और करुणा का हाथ बढाया है. मैं उन सबकी तरफ से आपका ह्रदय से आभारी हूं.
जानिए किसने क्या कहा
-चुनाव में मतदान न करना अथवा NOTA के अधिकार का उपयोग करना, मतदाता की दृष्टि में जो सबसे अयोग्य उम्मीदवार है उसी के पक्ष में जाता है, इसलिए राष्ट्रहित सर्वोपरि रखकर 100 प्रतिशत मतदान आवश्यक है.
-हमारी पहचान हिन्दू पहचान है जो हमें सबका आदर, सबका स्वीकार, सबका मेलमिलाप व सबका भला करना सिखाती है। इसलिए संघ हिन्दू समाज को संगठित व अजेय सामर्थ्य संपन्न बनाना चाहता है और इस कार्य को सम्पूर्ण संपन्न करके रहेगा.
- संघ प्रमुख मोहन भागवत बोले- दृढ़ता से वन प्रदेशों में अथवा अन्य सुदूर क्षेत्रों में दबाये गये हिंसात्मक गतिविधियों के कर्ता-धर्ता व पृष्ठपोषण करने वाले अब शहरी माओवाद (Urban Naxalism) के पुरोधा बनकर राष्ट्रविरोधी आन्दोलनों में अग्रपंक्ति में दिखाई देते हैं
-संघ प्रमुख मोहन भागवत बोले- अनुसूचित जाति व जनजाति वर्गों के लिए बनी हुई योजनाएँ, उपयोजनाएँ (Subplans) व कई प्रकार के प्रावधान समय पर तथा ठीक से लागू करना इस बारे में केन्द्र व राज्य शासनों को अधिक तत्परता व संवेदना का परिचय देने की व अधिक पारदर्शिता बरतने की आवश्यकता है
-संघ प्रमुख मोहन भागवत बोले- अपने प्रकृतिस्वभाव पर पक्का व स्थिर रहकर ही कोई देश उन्नत होता है। अंधानुकरण से नहीं.
समाज में सब त्रुटियों को दूर कर उसके शिकार हुए समाज के अपने बंधुओं को स्नेह व सम्मान से गले लगाकर समाज में सद्भावपूर्ण व आत्मीय व्यवहार का प्रचलन बढ़ाना पड़ेगा
-कैलाश सत्यार्थी ने आरएसएस नेताओं से कहा कि आपने मुझे अपने स्थापना दिवस पर यहां आमंत्रित करके भारत के ही नहीं, बल्कि विश्व के करोड़ों वंचित और शोषित बच्चों की तरफ सम्मान, प्रेम और करुणा का हाथ बढाया है. मैं उन सबकी तरफ से आपका ह्रदय से आभारी हूं.
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