राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की मुस्लिम शाखा द्वारा मध्यप्रदेश में इफ्तार पार्टी में रोजेदारों के लिये गाय के दूध से बना शरबत पेश करने से दशकों पहले से ही अधिकांश मुस्लिम रोजेदार यहां अपने रोजे को शाकाहारी व्यंजन खाकर तोड़ते हैं. गैस पीड़ितों के लिए काम कर रहे कार्यकर्ता अब्दुल जब्बार ने कहा, ‘‘दो शताब्दियों तक नवाबों द्वारा शासित किये गये भोपाल शहर में इफ्तार पार्टी में रोजेदारों को रोजा तोड़ने के लिए कई दशकों से शाकाहारी व्यंजन एवं फल परोसे जाते आ रहे हैं.’’
बैंककर्मी रमीज खान ने कहा, ‘‘मेरा वर्ष 2004 में भोपाल तबादला हुआ था. यहां पर बड़ी तादाद में मुस्लिम रहते हैं. जब मैंने यहां इफ्तार पार्टी में रोजेदारों को रोजे तोड़ने के लिए मटन एवं चिकन के स्थान पर शाकाहारी व्यंजन, फल, खजूर और मिठाइयां परोसते हुए देखा, तो मैं भौंचक्का रह गया था. जबकि मैं उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से यहां आया हूं, जहां पर रोजा इफ्तार पार्टियों के दौरान कवाब एवं मांसाहारी व्यंजन मुख्य रूप से परोसा जाता है.’’
खान ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यह केवल एक ही शहर है, जहां पर मुस्लिम इकट्ठा होकर सख्ती से रोजे को शाकाहारी व्यंजनों से तोड़ते हैं.’’ आरएसएस की मुस्लिम शाखा मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने कहा कि उनके शास्त्रों के अनुसार बीफ का सेवन शरीर के लिये बेहद नुकसानदेह है. इसलिये उनके संगठन द्वारा रमजान माह के दौरान प्रदेश के सभी जिलों में चुनिंदा मस्जिदों के बाहर इफ्तार पार्टी में रोजेदारों के लिये गाय के दूध से बना शरबत पेश किया जा रहा है.
मंच के सह-संयोजक एस.के. मुद्दीन ने कुछ दिन पहले बताया कि इलाइची और अन्य सुगंधित मिश्रणों से गाय के दूध से बनाया गया शरबत रमजान माह के दौरान रोजदारों को इफ्तारी के समय पेश किया जा रहा है. इसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि गाय का दूध कई तरह से फायदेमंद है. यह पचाने में आसान है, इसलिये इसे बच्चों को भी दिया जाता है. इसके विपरीत गाय का मांस मानव शरीर के लिये बेहद नुकसानदेह है. मुद्दीन ने तर्क दिया, ‘‘हदीस के मुताबिक गाय का मांस बेहद नुकसानदेह होता है.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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