खास बातें
- केंद्र सरकार इस सत्र में आरक्षण के मसले पर संविधान संशोधन बिल लाने की बात कह रही है। सरकारी नौकरियों में तरक्की में एससी−एसटी कोटे को लेकर मायावती और दूसरे सांसदों के प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री ने सभी दलों की बैठक रखी है।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार इस सत्र में आरक्षण के मसले पर संविधान संशोधन बिल लाने की बात कह रही है। सरकारी नौकरियों में तरक्की में एससी−एसटी कोटे को लेकर मायावती और दूसरे सांसदों के प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री ने सभी दलों की बैठक रखी है।
मायावती ने याद दिलाया कि यह बैठक पहले ही होनी थी। 3 मई को राज्यसभा में चर्चा के दौरान प्रोमोशन में आरक्षण के सवाल पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की बात हुई थी लेकिन आज तक वो बैठक नहीं बुलाई गई है।
आरक्षण को कानूनी दर्जा देने के सवाल पर गुरुवार को राज्यसभा में सरकार चारों तरफ से घिर गई। बसपा नेता मायावती ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही प्रोमोशन में आरक्षण का सवाल उठाया और मांग की कि सरकार अनुसूचित जातियों को आरक्षण देने के लिए संविधान संशोधन बिल लेकर आए।
बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि अब हम चाहते हैं कि सरकार आरक्षण पर संविधान संशोधन विधेयक इसी मॉनसून सत्र में लाए। मायावती को जेडी−यू और लेफ्ट सांसदों का भी समर्थन मिला।
दबाव बढ़ते ही पहले सरकार ने भरोसा दिलाया कि इसी सत्र में पीएम सर्वदलीय बैठक बुलाएंगे लेकिन नाराज़ बसपा सांसद शांत नहीं हुए। फिर सरकार को मॉनसून सत्र में ही संविधान संशोधन बिल लाने का आश्वासन देना पड़ा।
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी नारायणसामी ने राज्यसभा में कहा कि प्रधानमंत्री ने 21 अगस्त को सर्वदलीय बैठक बुलाने का फैसला किया है और 22 अगस्त को बिल संसद में पेश किया जाएगा।
22 अगस्त को बिल संसद में पेश करने का आश्वासन देकर सरकार ने आरक्षण को कानूनी दर्जा देने की औपचारिक कवायद शुरू कर दी है, अब चुनौती बिल के प्रारूप पर राजनीतिक सहमति बनाने की होगी।