गणतंत्र दिवस के मौके पर आज दिल्ली समेत पूरे देश में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए है। दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बलों के करीब 40 हज़ार जवान चप्पे-चप्पे पर तैनात किए गए हैं।
गणतंत्र दिवस में सुरक्षा के मद्देनजर परेड देखने वालों में काली टोपी, काला मफल और काले कपड़ों वालों की खास चैकिंग हो रही है। माओवादियों के प्रदर्शन करने की संभावना के मद्देनजर यह चैकिंग हो रही है।
इसके साथ ही बारिश के बावजूद छाते के प्रयोग की इजाजत नहीं है। सिक्यॉरिटी स्टाफ को भी छाते के इस्तेमाल की मनाही की गई है।
सुरक्षा के मद्देनज़र 15 हज़ार सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिसके जरिये राजपथ और इसके आसपास के इलाके की हर गतिविधि पर सीधे नजर रखी जा रही है। दिल्ली पुलिस, अमेरिकी खुफिया एजेंसी और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त टीम मुस्तैद है। वहीं ऊंची इमारतों पर दिल्ली पुलिस और एनएसजी के स्नाइपर्स भी तैनात किए गए हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने राजपथ के पास के 71 इमारतों को भी सील कर दिया है। राजपथ के आसपास के तीन किलोमीटर लंबे इलाके में सात घेरे वाली सुरक्षा व्यवस्था की गई है। यहां 400 किलोमीटर के दायरे को नो फ्लाई जोन भी घोषित कर दिया गया है।
इसके अलावा ओबामा की यात्रा के दौरान जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों की आशांका के चलते बहुस्तरीय सुरक्षा इंतजाम किया गया है। बीएसएफ ने किसी भी आतंकवादी घुसपैठ से निपटने के लिए सीमा पर गश्त बढ़ा दी गई है। वहीं छत्तीसगढ़ में विशेषकर नक्सल प्रभाविक क्षेत्रों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
गौरतलब है कि बरसात रुक-रुक कर हो रही है, लेकिन राजपथ पर पहुंचने वालों के कदम नहीं रुके। वैसे, कड़ी सुरक्षा के चलते इस बार लोगों को ज्यादा जांच से गुजरना पड़ा। इसके बावजूद दिल्ली ही नहीं, बल्कि देश के दूसरे हिस्सों से भी लोग छोटे-छोटे बच्चों के साथ राजपथ पहुंचे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की वजह से इस बार सुरक्षा तो बढ़ाई ही गई लेकिन लोग इन ऐतिहासिक क्षणों के गवाह बनने के लिए आतुर दिखे। कई-कई किलोमीटर तक पैदल भी चलना पड़ा, कई सुरक्षा चक्रों से गुजरना पड़ा, लेकिन लोगों ने इसकी परवाह नहीं की। परेड के लिए न तो खाना ले जाने की अनुमति है और न ही पानी तक की।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं