प्रतीकात्मक तस्वीर...
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफ़नामा दायर कर कहा कि 14 साल के बाद उम्र कैद की सज़ा काट रहे कैदियों के रिहा करने के राज्य सरकार के अधिकार को ख़त्म नहीं किया जा सकता।
राज्य सरकार ने कहा कि उसे कानून के तहत यह अधिकार दिया गया है कि अगर राज्य सरकार चाहे तो वो 14 साल के बाद उम्र कैद की सज़ा काट रहे कैदियों को रिहा कर सकती है। इस अधिकार को न्यायिक आदेश के द्वारा खत्म नहीं किया जा सकता।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई के ख़िलाफ़ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकारों से पूछा था कि क्यों न उनके उस अधिकार को ख़त्म कर दिया जाए, जिसके तहत वो 14 साल के बाद उम्र कैद की सज़ा काट रहे कैदियों को रिहा करने का अधिकार है।
राज्य सरकार ने कहा कि उसे कानून के तहत यह अधिकार दिया गया है कि अगर राज्य सरकार चाहे तो वो 14 साल के बाद उम्र कैद की सज़ा काट रहे कैदियों को रिहा कर सकती है। इस अधिकार को न्यायिक आदेश के द्वारा खत्म नहीं किया जा सकता।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई के ख़िलाफ़ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकारों से पूछा था कि क्यों न उनके उस अधिकार को ख़त्म कर दिया जाए, जिसके तहत वो 14 साल के बाद उम्र कैद की सज़ा काट रहे कैदियों को रिहा करने का अधिकार है।
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