सीएम अमरिंदर सिंह के खिलाफ असंतोष और गहराया, केंद्रीय टीम ने राज्य के नेताओं से की मुलाकात

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi)  ने तीन सदस्यीय टीम बनाई है, जो पंजाब के सभी नेताओं से मुलाकात कर उनकी राय जानेगी. अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) और पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Sidhu) के बीच टकराव 2017 से चला आ रहा है.

सीएम अमरिंदर सिंह के खिलाफ असंतोष और गहराया, केंद्रीय टीम ने राज्य के नेताओं से की मुलाकात

अमरिंदर सिंह और पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Sidhu) के बीच टकराव 2017 से चला आ रहा है.

अमृतसर:

चुनाव दर चुनाव राज्यों में तगड़े झटके खाने वाली कांग्रेस को पंजाब में पार्टी के भीतर भारी असंतोष का सामना करना पड़ रहा है. पंजाब देश के उन चुनिंदा राज्यों में है, जहां कांग्रेस बिना किसी गठबंधन के अकेले सत्ता में है. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की राज्य में लोकप्रियता का आलम ही था कि 2017 में 10 साल पुरानी अकाली दल-बीजेपी की सरकार को कांग्रेस ने उखाड़ फेंका था, लेकिन अब उनके खिलाफ शिकायतें हैं. बागी अब इस बात पर एक राय है कि अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में पार्टी अगले साल पंजाब विधानसभा चुनाव(assembly election) नहीं जीत सकती.

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi)  ने तीन सदस्यीय टीम बनाई है, जो पंजाब के सभी नेताओं से मुलाकात कर उनकी राय जानेगी. वयोवृद्ध नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की नेतृत्व वाली टीम राज्य के 25 नेताओं से अब तक मुलाकात कर चुकी है. इसमें पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ शामिल हैं. 

समिति ने शनिवार को अपनी पहली बैठक दिल्ली में की थी. समिति ने पंजाब के सभी मंत्रियों, मौजूदा और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को बुलाया है. पार्टी सूत्रों ने संकेत दिया है कि शिकायतें अलग-अलग हैं. कुछ नेताओं ने अमरिंदर सिंह पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है. लेकिन सबसे बड़ी चिंता है कि पंजाब सरकार गुरु ग्रंथ साहिब से बेअदबी (desecration of Guru Granth Sahib) करने वाले दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने में असमर्थ रही है.

2015 में पुलिस फायरिंग की घटना में कार्रवाई को लेकर भी पंजाब सरकार असफल रही है. जबकि पार्टी ने इनके दोषियों पर कार्रवाई का वादा चुनाव के दौरान किया था और अगले चुनाव में उसे जनता की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है. कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) और नवजोत सिद्धू के बीच खुली जुबानी जंग का नुकसान भी पार्टी को चुनाव में उठाना पड़ सकता है.

क्रिकेट की दुनिया से राजनीति में आए सिद्धू को सरकार में नंबर दो का ओहदा चाह रहे थे, लेकिन उन्होंने उप मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया, कथित तौर पर कैप्टन अमरिंदर सिंह के ऐतराज के बाद. अमरिंदर सिंह ने भी नवजोत सिद्धू के साथ रिश्तों में अपनी कड़वाहट को कभी छिपाने की कोशिश नहीं की. पाकिस्तान दौरे में सेनाध्यक्ष कमर जावेद बाजवा को गले लगाने और वहां के पीएम इमरान खान का बचाव करने को लेकर सिंह ने सिद्धू पर निशाना साधा था. अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिद्धू पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाया और कहा कि वे आम आदमी पार्टी में शामिल हो सकते हैं. 

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नाराज सिद्धू ने अमरिंदर सिंह से इन आरोपों को साबित करने को कहा था. सिद्धू ने ट्वीट कर कहा था, एक ऐसी बैठक बताओ, जहां मैं किसी दूसरी पार्टी के नेताओं से मिला. मैंने आज तक किसी के लिए पार्टी में कोई पद नहीं मांगा. मैं सिर्फ पंजाब की समृद्धि चाहता हूं. मुझे कई बार कैबिनेट मंत्री का प्रस्ताव दिया गया, जिसे मैंने अस्वीकार कर दिया. अब हमारे हाईकमान ने दखल दिया है, मैं इंतजार करूंगा.