लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन को एक साल हो गया है. आज उनके बेटे और बिहार के युवा नेता चिराग पासवान अपने पिता की पुण्यतिथि (Ramvilas Paswan Death Anniversary) मना रहे हैं. चिराग पासवान ने अपने पिता के निधन के बाद अपनी पूरी राजनीति पलटते हुए देखी है. उनके चाचा यानी कि उनके पिता के भाई पशुपति कुमार पारस से अभी भी उनका विवाद चल रहा है और स्थिति ऐसी है कि दो गुट बन गए हैं और पार्टी भी दो गुटों में बंट गई है, नाम और चुनाव चिन्ह तक बदल गए हैं.
चिराग ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Koo पर अपने पिता को याद करते हुए एक पोस्ट लिखा. उन्होंने कहा कि
'आप मेरे अभिमान है; मेरा आसमान.
कुटिल झंझावातों से जूझते मेरे वजूद की पहचान.
आज और हर साल आज का दिन आपके और करीब होने का दिन…
आपके मौन से आज बहुत कुछ कहूंगा; मेरे स्वाभिमान.'
दूसरी ओर आज केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस भी अपने बड़े भाई रामविलास पासवान की पुण्यतिथि मना रहे हैं जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हुए हैं. यह दिलचस्प है क्योंकि नीतीश ने पिछले महीने पटना में चिराग पासवान के कार्यक्रम से अपने को दूर रखा था.
बता दें कि लोक जनशक्ति पार्टी के अधिकार को लेकर मचे घमासान और कानूनी लड़ाई के बीच चुनाव आयोग ने चिराग पासवान (Chirag Paswan) और उनके चाचा पशुपति पारस दोनों पार्टियों को नए नाम दिए हैं और चुनाव चिन्ह भी आवंटित किए हैं. चिराग पासवान की पार्टी को नया नाम लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) दिया गया है. उन्हें हेलीकॉप्टर चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया है. पशुपति पारस को राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी नाम मिला है. उन्हें सिलाई मशीन चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया है.
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