अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) के निर्माण की जिम्मेदारी पूरी करने का वहां के एक ट्रस्ट ने दावा किया है. रामालय ट्रस्ट के सेक्रेटरी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने आज पीएमओ और गृह मंत्रालय को एक ज्ञापन सौंपा. ट्रस्ट ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर के लिए किसी नए ट्रस्ट के गठन की जरूरत नहीं है. रामालय ट्रस्ट पहले से है और यह दुनिया का सबसे भव्य मंदिर बनाएगा. इस मंदिर में एक लाख से अधिक श्रद्धालु पूजा कर सकेंगे. अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार से मंदिर के लिए तीन माह में एक ट्रस्ट गठित करने का निर्देश दिया है.
अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि रामालय ट्रस्ट (Shree Ram Janambhoomi Ramalaya Trust) के सेक्रेटरी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Swami Awimukteshwaranand Saraswati) ने प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय को एक ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में कहा गया है कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए सबसे सक्षम ट्रस्ट श्री राम जन्मभूमि रामालय ट्रस्ट ही है. उन्होंने कहा कि उन्होंने भारत सरकार के सामने आपनी प्रतिबद्धता प्रकट की है. नया ट्रस्ट बनाने की कोई जरूरत नहीं है.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि अयोध्या में हम ऐसे मंदिर का निर्माण करने चाहते हैं जो दुनिया में सबसे भव्य होगा. राम मंदिर का शिखर 1008 फीट का होगा जिसमें एक लाख आठ हजार भक्त एक साथ पूजा कर सकेंगे.
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