केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) का फैसला आने के मद्देनजर सभी राज्यों से चौकन्ना रहने के लिए कहा है. एक अधिकारी के हवाले से यह जानकारी मिली है. बता दें कि इससे पहले जानकारी मिली थी कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या (Ayodhya) मामले पर फैसला आने से पहले फैजाबाद पुलिस ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री पर नजर रखने के लिए 16 हजार स्वयंसेवियों को तैनात किया है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी थी.
सुप्रीम कोर्ट में पुलिस कर्मियों के धरने के खिलाफ याचिका दाखिल
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी ने बताया था कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर जब आदेश आएगा, उस समय शांति कायम रखने के लिए जिले के 1,600 स्थानों पर भी इतनी ही संख्या में स्वयंसेवियों को रखा गया है. बता दें, भारत के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवम्बर को अपनी सेवानिवृत्ति से पहले मामले में फैसला सुना सकते हैं.
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अयोध्या विवाद 100 सालों से ज्यादा पुराना है. सुप्रीम कोर्ट में जहां विवादित जमीन के मालिकाना हक को लेकर सुनवाई हो रही थी तो वहीं आम जनता के लिए यह आस्था का सबसे बड़ा प्रश्न बन गया है. इस विवाद को लेकर कई पार्टियां सत्ता के शीर्ष तक पहुंची तो कई ऐसी भी पार्टियां रहीं जो हिंदूवादी राजनीति के उभार में अपनी जमीन खो बैठीं. इस विवाद पर फैसला सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच सुना सकती है जिसकी अगुवाई प्रधान न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई कर रहे हैं.
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