Babri Masjid Land Dispute
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Ayodhya Case: हिंदू महासभा भी SC में दाखिल करेगी रिव्यू पिटिशन, कोर्ट के इस फैसले को देगी चुनौती
- Monday December 9, 2019
वहीं, विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने मांग की कि सुन्नी वक्फ बोर्ड (Sunni Waqf Board) को मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या (Ayodhya) की नगर पालिका की सीमा से बाहर जमीन आवंटित की जाए.
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Ayodhya Case: असदुद्दीन ओवैसी बोले- सुप्रीम कोर्ट का फैसला किसी भी तरह से ‘पूरा न्याय’ नहीं
- Wednesday November 20, 2019
गत नौ नवम्बर को उच्चतम न्यायालय ने सर्वसम्मति के फैसले में 2.77 एकड़ की पूरी विवादित जमीन राम लला को सौंपने के निर्देश दिये थे.
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राम जन्मभूमि मामला: गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को चौकन्ना रहने के लिए कहा
- Thursday November 7, 2019
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के मद्देनजर सभी राज्यों से चौकन्ना रहने के लिए कहा है. एक अधिकारी के हवाले से यह जानकारी मिली है. बता दें कि इससे पहले जानकारी मिली थी कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले पर फैसला आने से पहले फैजाबाद पुलिस ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री पर नजर रखने के लिए 16 हजार स्वयंसेवियों को तैनात किया है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी थी.
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Ayodhya Case : सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा 16 अक्टूबर को खत्म हो सकती है सुनवाई
- Wednesday October 16, 2019
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सोमवार को अयोध्या केस (Ayodhya Case) की सुनवाई करते हुए कहा है कि इस केस की सुनवाई बुधवार को भी खत्म हो सकती है. यानी कि 17 अक्टूबर की जगह 16 अक्टूबर को ही अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले की सुनवाई पूरी हो सकती है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने चार अक्टूबर को अयोध्या केस (Ayodhya Case) में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद के मामले की 37 वें दिन की सुनवाई के दौरान कहा था कि 17 अक्टूबर तक इस मामले की सुनवाई पूरी होगी.
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Ayodhya Case: मुस्लिम पक्ष का सवाल- कुछ अंश दूसरे धर्म के मिलें तो क्या 450 साल पुरानी मस्जिद अवैध हो जाएगी?
- Wednesday October 16, 2019
अयोध्या मामले (Ayodhya Case) में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में 38वें दिन की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्षकारों के वकील राजीव धवन ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले में जस्टिस खान और जस्टिस शर्मा की राय एक-दूसरे से अलग थी. जस्टिस खान ने कहा था कि मस्जिद बनाने के लिए किसी स्ट्रक्चर को ध्वस्त नहीं किया गया था. जबकि जस्टिस शर्मा की राय इससे अलग थी. धवन ने कहा जिलानी ने सही कहा था कि 1885 से पहले के किसी भी दस्तावेज़ को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए. सन 1885 से पहले के जो दस्तावेज़ हिन्दू पक्ष के पास हैं वह सिर्फ विदेशी यात्रियों की किताब, स्कंद पुराण और दूसरी किताबें हैं.
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Ayodhya Case : सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की मियाद घटाई, अब सिर्फ चार दिन और होगी बहस
- Wednesday October 16, 2019
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने शुक्रवार को अयोध्या केस (Ayodhya Case) में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद के मामले की 37 वें दिन की सुनवाई करते हुए कहा कि 17 अक्टूबर तक इस मामले की सुनवाई पूरी होगी. उन्होंने अयोध्या के इस मामले से संबंधित ने सभी पक्षों से कहा कि 17 अक्टूबर तक बहस पूरी करें. पहले सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी पक्षों को 18 अक्टूबर तक बहस पूरी करने के लिए कहा था. इस केस में 14 अक्टूबर को मुस्लिम पक्ष की ओर से राजीव धवन बहस जारी रखेंगे. बाकी सब पक्षकार 15-16 को दलीलें देंगे और 17 अक्टूबर को सुनवाई पूरी होगी. यानी अब सिर्फ चार दिन ही सुनवाई होनी है.
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Ayodhya Case : निर्मोही अखाड़े ने कहा- अब सुनवाई 'टी-20' जैसी हो गई, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई लताड़
- Wednesday October 16, 2019
अयोध्या केस (Ayodhya Case) में सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद पर गुरुवार को 36वें दिन सुनवाई हुई. कोर्ट में निर्मोही अखाड़े की ओर से सुशील जैन ने कहा कि अब यह सुनवाई 20-20 जैसी हो गई है. इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आपको हमने साढ़े चार दिन दिए. यहां आपको जवाब देना है तो अब आप इसे 20-20 कह रहे हैं? तो क्या आपकी पिछली बहस टेस्ट मैच थी? सुशील जैन ने कहा कि हमारा दावा आंतरिक अहाते को लेकर है, क्योंकि बाहर तो हमारा अधिकार और कब्ज़ा था ही. हमने बाहर के पजेशन के लिए अर्ज़ी नहीं लगाई है क्योंकि वह तो पहले से ही हमारे पास था.
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Ayodhya Case: मुस्लिम पक्ष से रामलला विराजमान का सवाल, मुगलों ने क्या मस्जिद बनाने के लिए ईदगाह गिराई थी?
- Wednesday October 16, 2019
अयोध्या केस (Ayodhya Case) में मंगलवार को 35 वें दिन की सुनवाई हुई. अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में संविधान पीठ के समक्ष हिन्दू पक्ष की ओर से परासरण ने भगवद्गीता का श्लोक उद्धृत करते हुए कहा कि पापकर्म की बदनामी मृत्यु से भी निकृष्ट है. लोगों का अगर किसी भूमि स्थान पर अलौकिक शक्तिशाली और ऊर्जा होने का विश्वास और श्रद्धा है तो वह भी कानूनी व्यक्ति हो जाता है. यानी उसे संकट के समय अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए अदालत जाने का हक है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उन गुणों की घोषणा स्वयंभू है या किसी ने की है. हिन्दू सनातन दर्शन में तो पांच तत्व धरती, गगन, अग्नि, वायु और जल के साथ दसों दिशाओं की पूजा होती है. श्री देवी भू देवी भी पूजित हैं. परासरण की दलीलें पूरी होने के बाद रामलला की ओर से सी वैद्यनाथन ने दलीलें शुरू कीं. उन्होंने मुस्लिम पक्षकारों की दलील को खारिज किया कि विवादित स्थल पर कोई मंदिर नहीं था.
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Ayodhya Case : मुस्लिम पक्ष ने कहा- मस्जिद में कहीं मूर्ति हो, तस्वीरें बनी हों तो भी नमाज जायज
- Wednesday October 16, 2019
अयोध्या केस (Ayodhya Cace) में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को 34 वें दिन की सुनवाई हुई. अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में मुस्लिम पक्षकारों की दलील पूरी होने के बाद हिंदू पक्षकारों की ओर से परासरण ने जवाब शुरू किया. परासरण ने कहा कि हिन्दू मान्यताओं में परम ईश्वर तो एक ही है लेकिन लोग अलग-अलग रूप, आकार और मंदिरों में उसकी अलग-अलग तरह से पूजा-उपासना करते हैं. हिन्दू उपासना स्थलों के आकार-प्रकार और वास्तु विन्यास अलग-अलग हैं, कहीं मूर्तियों के साथ तो कहीं बिना मूर्तियों के. कहीं साकार तो कहीं निराकार रूप में उपासना की पद्धति प्रचलित है. बस इन विविधताओं के बीच समानता यही है कि लोग दिव्यता या देवता की पूजा करते हैं. मंदिरों के वास्तु और पूजा पद्धति भी अलग-अलग है. आप एक खांचे या फ्रेम में हिन्दू मंदिरों को नहीं बांध सकते.
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Ayodhya Case : मुस्लिम पक्ष ने रुख बदला, कहा- ASI की रिपोर्ट की प्रमाणिकता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता
- Wednesday October 16, 2019
अयोध्या केस में गुरुवार को 32 वें दिन की सुनवाई हुई. राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद के मामले में भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (ASI) रिपोर्ट पर मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश मीनाक्षी अरोड़ा ने बुधवार को सवाल उठाया था. लेकिन आज मुस्लिम पक्षकारों के लिए ही पेश राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि कल की दलीलें निरर्थक थीं. रिपोर्ट की प्रमाणिकता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता. एएसआई की रिपोर्ट की प्रामाणिकता संदेह में नहीं है. दरअसल मीनाक्षी अरोड़ा ने बुधवार को कहा था कि एएसआई की रिपोर्ट पर कोई साइन नहीं थे. हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि रिपोर्ट के साथ फार्वडिंग लेटर था.
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Ayodhya Case : सुप्रीम कोर्ट ने एएसआई की रिपोर्ट पर मुस्लिम पक्ष की आपत्ति पर सवाल उठाए
- Wednesday October 16, 2019
अयोध्या केस (Ayodhya Case) में बुधवार को 31 वें दिन की सुनवाई हुई. अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्षकारों पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाए. भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (ASI) की रिपोर्ट पर आपत्ति उठाने वाली दलील पर संविधान पीठ ने कहा कि आपकी दलीलें जोरदार नहीं हैं. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि ASI की रिपोर्ट को लेकर जो आपत्ति आप यहां उठा रहे हैं आपने ट्रायल के दौरान तो ये बातें कही नहीं. इस मुद्दे पर आपकी दलीलें भी जोरदार और ठोस नहीं हैं. क्योंकि कोर्ट ऐसे मुद्दे पर जब विशेषज्ञों की कोई कमेटी बनाती है तो उसमें कोई भी कमी या गलती हो तो या तो कोर्ट उस बारे में बताए, या फिर पक्षकार बताएं. तभी विशेषज्ञ उसका जवाब दे सकते थे. इस रिपोर्ट को लेकर उस समय ऐसा कुछ नहीं हुआ था.
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Ayodhya Case: हिंदू संस्था ने SC में कहा- मस्जिद का निर्माण बाबर ने नहीं बल्कि औरंगजेब ने कराया था
- Wednesday October 16, 2019
- Bhasha
एक मुस्लिम पार्टी द्वारा दायर मुकदमे में प्रतिवादी अखिल भारतीय श्री राम जन्म भूमि पुनरुद्धार समिति ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के समक्ष बाबरनामा, हुमायूंनामा, अकबरनामा और तुजुक-ए-जहांगीरी जैसी ऐतिहासिक पुस्तकों का उल्लेख किया.
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अयोध्या मामला : रामलला विराजमान का दावा, विवादित स्थल पर विशाल मंदिर होने के प्रमाण
- Wednesday October 16, 2019
अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद (Ayodhya Land Dispute Case) मामले में शुक्रवार को सातवें दिन की सुनवाई हुई. कोर्ट में रामलला विराजमान के वकील सीएस वैद्यनाथन ने आर्कियालॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की खुदाई और रिपोर्ट के आधार पर दावा किया है कि जिस तरह की विशाल इमारत नीचे मिलने के प्रमाण मिले हैं वे बताते हैं कि वहां एक विशाल मंदिर था, जो आम जनता के दर्शन के लिए था. जस्टिस चंद्रचूड़ ने वैद्यनाथन से कहा कि आप साबित करें कि बाबरी मस्ज़िद मंदिर या किसी धार्मिक इमारत के ऊपर बनी है? रामलला विराजमान की तरफ से कहा गया कि विवादित स्थल की खुदाई से मिले पुरातात्विक अवशेष से यह साफ पता चलता है कि वहां मंदिर था.
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राम जन्मभूमि मामला : सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका, कहा- जमीन बौद्ध समुदाय की है
- Monday July 23, 2018
अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुनवाई के बीच सुप्रीम कोर्ट में अब तीसरे पक्ष ने याचिका दायर की है. बौद्ध समुदाय के कुछ लोगों ने दावा किया है कि यह विवादित जमीन बौद्धों की है और यह पहले एक बौद्ध स्थल था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है और कहा है कि मुख्य मुद्दे की सुनवाई वाली बेंच ही मामले की सुनवाई कर सकती है. अयोध्या में रहने वाले विनीत कुमार मौर्य ने सुप्रीम कोर्ट में इस बारे में याचिका दायर की है. उन्होंने विवादित स्थल पर भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग (ASI) द्वारा चार बार की जाने वाली खुदाई के आधार पर यह दावा किया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश पर ऐसी अंतिम खुदाई साल 2002-03 में हुई थी.
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Ayodhya Case: हिंदू महासभा भी SC में दाखिल करेगी रिव्यू पिटिशन, कोर्ट के इस फैसले को देगी चुनौती
- Monday December 9, 2019
वहीं, विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने मांग की कि सुन्नी वक्फ बोर्ड (Sunni Waqf Board) को मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या (Ayodhya) की नगर पालिका की सीमा से बाहर जमीन आवंटित की जाए.
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Ayodhya Case: असदुद्दीन ओवैसी बोले- सुप्रीम कोर्ट का फैसला किसी भी तरह से ‘पूरा न्याय’ नहीं
- Wednesday November 20, 2019
गत नौ नवम्बर को उच्चतम न्यायालय ने सर्वसम्मति के फैसले में 2.77 एकड़ की पूरी विवादित जमीन राम लला को सौंपने के निर्देश दिये थे.
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राम जन्मभूमि मामला: गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को चौकन्ना रहने के लिए कहा
- Thursday November 7, 2019
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के मद्देनजर सभी राज्यों से चौकन्ना रहने के लिए कहा है. एक अधिकारी के हवाले से यह जानकारी मिली है. बता दें कि इससे पहले जानकारी मिली थी कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले पर फैसला आने से पहले फैजाबाद पुलिस ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री पर नजर रखने के लिए 16 हजार स्वयंसेवियों को तैनात किया है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी थी.
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Ayodhya Case : सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा 16 अक्टूबर को खत्म हो सकती है सुनवाई
- Wednesday October 16, 2019
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सोमवार को अयोध्या केस (Ayodhya Case) की सुनवाई करते हुए कहा है कि इस केस की सुनवाई बुधवार को भी खत्म हो सकती है. यानी कि 17 अक्टूबर की जगह 16 अक्टूबर को ही अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले की सुनवाई पूरी हो सकती है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने चार अक्टूबर को अयोध्या केस (Ayodhya Case) में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद के मामले की 37 वें दिन की सुनवाई के दौरान कहा था कि 17 अक्टूबर तक इस मामले की सुनवाई पूरी होगी.
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Ayodhya Case: मुस्लिम पक्ष का सवाल- कुछ अंश दूसरे धर्म के मिलें तो क्या 450 साल पुरानी मस्जिद अवैध हो जाएगी?
- Wednesday October 16, 2019
अयोध्या मामले (Ayodhya Case) में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में 38वें दिन की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्षकारों के वकील राजीव धवन ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले में जस्टिस खान और जस्टिस शर्मा की राय एक-दूसरे से अलग थी. जस्टिस खान ने कहा था कि मस्जिद बनाने के लिए किसी स्ट्रक्चर को ध्वस्त नहीं किया गया था. जबकि जस्टिस शर्मा की राय इससे अलग थी. धवन ने कहा जिलानी ने सही कहा था कि 1885 से पहले के किसी भी दस्तावेज़ को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए. सन 1885 से पहले के जो दस्तावेज़ हिन्दू पक्ष के पास हैं वह सिर्फ विदेशी यात्रियों की किताब, स्कंद पुराण और दूसरी किताबें हैं.
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Ayodhya Case : सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की मियाद घटाई, अब सिर्फ चार दिन और होगी बहस
- Wednesday October 16, 2019
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने शुक्रवार को अयोध्या केस (Ayodhya Case) में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद के मामले की 37 वें दिन की सुनवाई करते हुए कहा कि 17 अक्टूबर तक इस मामले की सुनवाई पूरी होगी. उन्होंने अयोध्या के इस मामले से संबंधित ने सभी पक्षों से कहा कि 17 अक्टूबर तक बहस पूरी करें. पहले सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी पक्षों को 18 अक्टूबर तक बहस पूरी करने के लिए कहा था. इस केस में 14 अक्टूबर को मुस्लिम पक्ष की ओर से राजीव धवन बहस जारी रखेंगे. बाकी सब पक्षकार 15-16 को दलीलें देंगे और 17 अक्टूबर को सुनवाई पूरी होगी. यानी अब सिर्फ चार दिन ही सुनवाई होनी है.
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Ayodhya Case : निर्मोही अखाड़े ने कहा- अब सुनवाई 'टी-20' जैसी हो गई, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई लताड़
- Wednesday October 16, 2019
अयोध्या केस (Ayodhya Case) में सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद पर गुरुवार को 36वें दिन सुनवाई हुई. कोर्ट में निर्मोही अखाड़े की ओर से सुशील जैन ने कहा कि अब यह सुनवाई 20-20 जैसी हो गई है. इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आपको हमने साढ़े चार दिन दिए. यहां आपको जवाब देना है तो अब आप इसे 20-20 कह रहे हैं? तो क्या आपकी पिछली बहस टेस्ट मैच थी? सुशील जैन ने कहा कि हमारा दावा आंतरिक अहाते को लेकर है, क्योंकि बाहर तो हमारा अधिकार और कब्ज़ा था ही. हमने बाहर के पजेशन के लिए अर्ज़ी नहीं लगाई है क्योंकि वह तो पहले से ही हमारे पास था.
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Ayodhya Case: मुस्लिम पक्ष से रामलला विराजमान का सवाल, मुगलों ने क्या मस्जिद बनाने के लिए ईदगाह गिराई थी?
- Wednesday October 16, 2019
अयोध्या केस (Ayodhya Case) में मंगलवार को 35 वें दिन की सुनवाई हुई. अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में संविधान पीठ के समक्ष हिन्दू पक्ष की ओर से परासरण ने भगवद्गीता का श्लोक उद्धृत करते हुए कहा कि पापकर्म की बदनामी मृत्यु से भी निकृष्ट है. लोगों का अगर किसी भूमि स्थान पर अलौकिक शक्तिशाली और ऊर्जा होने का विश्वास और श्रद्धा है तो वह भी कानूनी व्यक्ति हो जाता है. यानी उसे संकट के समय अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए अदालत जाने का हक है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उन गुणों की घोषणा स्वयंभू है या किसी ने की है. हिन्दू सनातन दर्शन में तो पांच तत्व धरती, गगन, अग्नि, वायु और जल के साथ दसों दिशाओं की पूजा होती है. श्री देवी भू देवी भी पूजित हैं. परासरण की दलीलें पूरी होने के बाद रामलला की ओर से सी वैद्यनाथन ने दलीलें शुरू कीं. उन्होंने मुस्लिम पक्षकारों की दलील को खारिज किया कि विवादित स्थल पर कोई मंदिर नहीं था.
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Ayodhya Case : मुस्लिम पक्ष ने कहा- मस्जिद में कहीं मूर्ति हो, तस्वीरें बनी हों तो भी नमाज जायज
- Wednesday October 16, 2019
अयोध्या केस (Ayodhya Cace) में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को 34 वें दिन की सुनवाई हुई. अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में मुस्लिम पक्षकारों की दलील पूरी होने के बाद हिंदू पक्षकारों की ओर से परासरण ने जवाब शुरू किया. परासरण ने कहा कि हिन्दू मान्यताओं में परम ईश्वर तो एक ही है लेकिन लोग अलग-अलग रूप, आकार और मंदिरों में उसकी अलग-अलग तरह से पूजा-उपासना करते हैं. हिन्दू उपासना स्थलों के आकार-प्रकार और वास्तु विन्यास अलग-अलग हैं, कहीं मूर्तियों के साथ तो कहीं बिना मूर्तियों के. कहीं साकार तो कहीं निराकार रूप में उपासना की पद्धति प्रचलित है. बस इन विविधताओं के बीच समानता यही है कि लोग दिव्यता या देवता की पूजा करते हैं. मंदिरों के वास्तु और पूजा पद्धति भी अलग-अलग है. आप एक खांचे या फ्रेम में हिन्दू मंदिरों को नहीं बांध सकते.
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Ayodhya Case : मुस्लिम पक्ष ने रुख बदला, कहा- ASI की रिपोर्ट की प्रमाणिकता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता
- Wednesday October 16, 2019
अयोध्या केस में गुरुवार को 32 वें दिन की सुनवाई हुई. राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद के मामले में भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (ASI) रिपोर्ट पर मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश मीनाक्षी अरोड़ा ने बुधवार को सवाल उठाया था. लेकिन आज मुस्लिम पक्षकारों के लिए ही पेश राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि कल की दलीलें निरर्थक थीं. रिपोर्ट की प्रमाणिकता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता. एएसआई की रिपोर्ट की प्रामाणिकता संदेह में नहीं है. दरअसल मीनाक्षी अरोड़ा ने बुधवार को कहा था कि एएसआई की रिपोर्ट पर कोई साइन नहीं थे. हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि रिपोर्ट के साथ फार्वडिंग लेटर था.
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Ayodhya Case : सुप्रीम कोर्ट ने एएसआई की रिपोर्ट पर मुस्लिम पक्ष की आपत्ति पर सवाल उठाए
- Wednesday October 16, 2019
अयोध्या केस (Ayodhya Case) में बुधवार को 31 वें दिन की सुनवाई हुई. अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्षकारों पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाए. भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (ASI) की रिपोर्ट पर आपत्ति उठाने वाली दलील पर संविधान पीठ ने कहा कि आपकी दलीलें जोरदार नहीं हैं. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि ASI की रिपोर्ट को लेकर जो आपत्ति आप यहां उठा रहे हैं आपने ट्रायल के दौरान तो ये बातें कही नहीं. इस मुद्दे पर आपकी दलीलें भी जोरदार और ठोस नहीं हैं. क्योंकि कोर्ट ऐसे मुद्दे पर जब विशेषज्ञों की कोई कमेटी बनाती है तो उसमें कोई भी कमी या गलती हो तो या तो कोर्ट उस बारे में बताए, या फिर पक्षकार बताएं. तभी विशेषज्ञ उसका जवाब दे सकते थे. इस रिपोर्ट को लेकर उस समय ऐसा कुछ नहीं हुआ था.
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Ayodhya Case: हिंदू संस्था ने SC में कहा- मस्जिद का निर्माण बाबर ने नहीं बल्कि औरंगजेब ने कराया था
- Wednesday October 16, 2019
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एक मुस्लिम पार्टी द्वारा दायर मुकदमे में प्रतिवादी अखिल भारतीय श्री राम जन्म भूमि पुनरुद्धार समिति ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के समक्ष बाबरनामा, हुमायूंनामा, अकबरनामा और तुजुक-ए-जहांगीरी जैसी ऐतिहासिक पुस्तकों का उल्लेख किया.
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अयोध्या मामला : रामलला विराजमान का दावा, विवादित स्थल पर विशाल मंदिर होने के प्रमाण
- Wednesday October 16, 2019
अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद (Ayodhya Land Dispute Case) मामले में शुक्रवार को सातवें दिन की सुनवाई हुई. कोर्ट में रामलला विराजमान के वकील सीएस वैद्यनाथन ने आर्कियालॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की खुदाई और रिपोर्ट के आधार पर दावा किया है कि जिस तरह की विशाल इमारत नीचे मिलने के प्रमाण मिले हैं वे बताते हैं कि वहां एक विशाल मंदिर था, जो आम जनता के दर्शन के लिए था. जस्टिस चंद्रचूड़ ने वैद्यनाथन से कहा कि आप साबित करें कि बाबरी मस्ज़िद मंदिर या किसी धार्मिक इमारत के ऊपर बनी है? रामलला विराजमान की तरफ से कहा गया कि विवादित स्थल की खुदाई से मिले पुरातात्विक अवशेष से यह साफ पता चलता है कि वहां मंदिर था.
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राम जन्मभूमि मामला : सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका, कहा- जमीन बौद्ध समुदाय की है
- Monday July 23, 2018
अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुनवाई के बीच सुप्रीम कोर्ट में अब तीसरे पक्ष ने याचिका दायर की है. बौद्ध समुदाय के कुछ लोगों ने दावा किया है कि यह विवादित जमीन बौद्धों की है और यह पहले एक बौद्ध स्थल था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है और कहा है कि मुख्य मुद्दे की सुनवाई वाली बेंच ही मामले की सुनवाई कर सकती है. अयोध्या में रहने वाले विनीत कुमार मौर्य ने सुप्रीम कोर्ट में इस बारे में याचिका दायर की है. उन्होंने विवादित स्थल पर भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग (ASI) द्वारा चार बार की जाने वाली खुदाई के आधार पर यह दावा किया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश पर ऐसी अंतिम खुदाई साल 2002-03 में हुई थी.
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