जयपुर:
राजस्थान के उदयपुर में एंटी करप्शन ब्यूरो ने 3 करोड़ 80 लाख की रिश्वत के मामले में राजस्थान के माइनिंग विभाग में तैनात प्रिंसिपल सेक्रेटरी IAS अधिकारी अशोक सिंघवी को गिरफ़्तार कर लिया है। इससे पहले खनन विभाग में अतिरिक्त निदेशक के पद पर तैनात पंकज गहलोत को ढाई करोड़ रुपये की रिश्वत लेते हुए हिरासत में लिया है। पंकज गहलोत पर आरोप है कि उसने बंद पड़ी 6 खानों को दोबारा खोलने के एवज़ में ढाई करोड़ की रिश्वत मांगी थी।
पांच लोग गिरफ्तार
गहलोत के अलावा भीलवाड़ा से सीनियर माइंस इंजीनियर पीआर अमेठा समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें दो कनसल्टेंट भी शामिल हैं। गहलोत के 14 बैंक खातों को भी खंगाला गया और कुल 3.85 करोड़ रुपये बरामद किए जा चुके हैं। जांच अभी भी जारी है। एसीबी का बयान
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के एडिशनल डीजी नवदीप सिंह ने बताया "हमने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, इनमें से दो सरकारी कर्मचारी हैं और बाकी बिचौलिया का काम कर रहे थे। इस मामले में कार्यवाही अब भी जारी है और आगे हम और खुलासा कर सकते हैं।"
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक नवदीप सिंह ने बताया कि ब्यूरो ने एक सूचना को विकसित कर उदयपुर में पदस्थ खनन विभाग के अतिरिक्त निदेशक पंकज गहलोत, भीलवाडा में पदस्थ खनन अभियंता पुष्कर राज आमेठा, दलाल श्याम सुंदर, रशीद को गिरफ्तार किया है।
उन्होंने बताया कि सीए श्याम सिंह सिंघवी के घर छापा मार कर 2.55 करोड़ रुपये जब्त किए। उन्होंने बताया कि सिंघवी से पूछताछ के आधार पर भीलवाडा के खनन विभाग में पदस्थ अभियंता पुष्कर राज, आमेठा दलाल, संजय सेठी और रशीद को गिरफ्तार किया है। ब्यूरो ने रिश्वत के लिए कार में रखे 1.60 लाख रुपये और एक आरोपी के जेब से 75 हजार रुपये जब्त किए है। उन्होंने बताया कि तलाशी के दौरान आमेठा के खाते में 43 लाख रूपये जमा होने की जानकारी मिली है। ब्यूरो के अनुसार मामले की जांच जारी है।
क्या है मामला
गहलोत ने शेर खान जिनकी चित्तोरगढ में चीनी क्ले की 6 खाने हैं, को पहले बंद करवाया और फिर वापस खोलने की एवज में ढाई करोड़ की रिश्वत मांगी। एसीबी ने पहले भीलवाड़ा से अमेठा को गिरफ्तार किया और फिर उदयपुर से गहलोत को।
फिलहाल एडिश्नल चीफ सेक्रेटरी (माइंस) अशोक सिंघवी के घर पर भी एसीबी का छापा पड़ा है, वहां से अभी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।
एसीबी की सबसे बड़ी कार्रवाई
प्रदेश में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की अब तक की इस सबसे बड़ी कार्रवाई से यह साफ़ हो गया है कि प्रदेश में खानों का कितना लम्बा खेल चलता है और अधिकारी रिश्वत में लाखों नहीं करोड़ों की रकम डकारने के लिए अपना मुंह खोलने में भी नहीं हिचकते। इस कार्रवाई ने खनन उद्योग और विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है।
पांच लोग गिरफ्तार
गहलोत के अलावा भीलवाड़ा से सीनियर माइंस इंजीनियर पीआर अमेठा समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें दो कनसल्टेंट भी शामिल हैं। गहलोत के 14 बैंक खातों को भी खंगाला गया और कुल 3.85 करोड़ रुपये बरामद किए जा चुके हैं। जांच अभी भी जारी है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के एडिशनल डीजी नवदीप सिंह ने बताया "हमने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, इनमें से दो सरकारी कर्मचारी हैं और बाकी बिचौलिया का काम कर रहे थे। इस मामले में कार्यवाही अब भी जारी है और आगे हम और खुलासा कर सकते हैं।"
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक नवदीप सिंह ने बताया कि ब्यूरो ने एक सूचना को विकसित कर उदयपुर में पदस्थ खनन विभाग के अतिरिक्त निदेशक पंकज गहलोत, भीलवाडा में पदस्थ खनन अभियंता पुष्कर राज आमेठा, दलाल श्याम सुंदर, रशीद को गिरफ्तार किया है।
उन्होंने बताया कि सीए श्याम सिंह सिंघवी के घर छापा मार कर 2.55 करोड़ रुपये जब्त किए। उन्होंने बताया कि सिंघवी से पूछताछ के आधार पर भीलवाडा के खनन विभाग में पदस्थ अभियंता पुष्कर राज, आमेठा दलाल, संजय सेठी और रशीद को गिरफ्तार किया है। ब्यूरो ने रिश्वत के लिए कार में रखे 1.60 लाख रुपये और एक आरोपी के जेब से 75 हजार रुपये जब्त किए है। उन्होंने बताया कि तलाशी के दौरान आमेठा के खाते में 43 लाख रूपये जमा होने की जानकारी मिली है। ब्यूरो के अनुसार मामले की जांच जारी है।
क्या है मामला
गहलोत ने शेर खान जिनकी चित्तोरगढ में चीनी क्ले की 6 खाने हैं, को पहले बंद करवाया और फिर वापस खोलने की एवज में ढाई करोड़ की रिश्वत मांगी। एसीबी ने पहले भीलवाड़ा से अमेठा को गिरफ्तार किया और फिर उदयपुर से गहलोत को।
फिलहाल एडिश्नल चीफ सेक्रेटरी (माइंस) अशोक सिंघवी के घर पर भी एसीबी का छापा पड़ा है, वहां से अभी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।
एसीबी की सबसे बड़ी कार्रवाई
प्रदेश में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की अब तक की इस सबसे बड़ी कार्रवाई से यह साफ़ हो गया है कि प्रदेश में खानों का कितना लम्बा खेल चलता है और अधिकारी रिश्वत में लाखों नहीं करोड़ों की रकम डकारने के लिए अपना मुंह खोलने में भी नहीं हिचकते। इस कार्रवाई ने खनन उद्योग और विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है।
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