चीन के मुद्दे पर एक बार फिर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है. एक न्यूज वेबसाइट के कार्यक्रम में हुई बातचीत का लिंक ट्विटर पर शेयर करते हुए कहा, 'ऐसा क्या हुआ कि मोदी जी के रहते भारत माता की पवित्र ज़मीन को चीन ने छीन लिया'. गौरतलब है कि राहुल गांधी का बयान ऐसे समय आया है जब भारत-चीन के बीच सैन्य और सरकार के स्तर पर कई दौर की बातचीत के बाद दोनों देशों की सेनाओं के पीछे हटने की बात कही जा रही है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि दोनों देशों के बीच सैनिकों के पीछे हटने तथा तनाव कम करने की प्रक्रिया को लेकर सहमति बनी है और 'काम काफी हद तक प्रगति पर है.'
जयशंकर ने एक कार्यक्रम में कहा, 'हमने सैनिकों के पीछे हटने की जरूरत पर सहमति जताई है क्योंकि दोनों पक्षों के सैनिक एक दूसरे के बहुत करीब तैनात हैं. इसलिए पीछे हटने और तनाव कम करने की प्रक्रिया पर सहमति बनी है.'
उन्होंने कहा, 'यह अभी शुरू हुई है. काम काफी हद तक प्रगति पर है. इस समय मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहूंगा.' एक दिन पहले ही भारत और चीन ने एक और दौर की कूटनीतिक वार्ता की जिसमें दोनों पक्षों ने समयबद्ध तरीके से पूर्वी लद्दाख में सैनिकों के पूरी तरह पीछे हटने की दिशा में आगे बढ़ने का संकल्प लिया ताकि पूर्ण शांति बहाल हो सके.
बैठक में तय किया गया कि दोनों सेनाओं के वरिष्ठ कमांडर जल्द बैठक करेंगे और सैनिकों के पूरी तरह पीछे हटने और तनाव कम करने की प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए आगे कदम उठाएंगे. जानकार सूत्रों ने बताया कि अगले सप्ताह लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की चौथे दौर की वार्ता आयोजित की जाएगी जिसका उद्देश्य दोनों सेनाओं के रियर बेस से सैनिकों की वापसी के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देना तथा क्षेत्र में अमन-चैन बहाल करने के तरीके खोजना है.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी की रविवार को फोन पर करीब दो घंटे की बातचीत के बाद सोमवार सुबह से सैनिकों के पीछे हटने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हुई.
जयशंकर ने गत 17 जून को चीन के विदेश मंत्री वांग यी से फोन पर बात की थी जिसमें दोनों पक्षों ने पूरे हालात को जिम्मेदारी के साथ संभालने के लिए सहमति जताई थी. पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास कई जगहों पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले आठ सप्ताह से गतिरोध की स्थिति बनी हुई है.
गत 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिकों के शहीद होने के बाद तनाव और बढ़ गया. चीनी सेना ने पिछले छह दिन में भारतीय सेना के साथ सैनिकों के पीछे हटने की सहमति के अनुरूप गतिरोध के सभी बड़े बिंदुओं से सैनिकों की वापसी कराई है.
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