राहुल गांधी ने अपने ट्विटर अकाउंट से भी हटाया 'कांग्रेस प्रेसिडेंट', राजनीतिक पार्टियों से आया कुछ ऐसा रिएक्शन

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि मुबारक हो, राहुल गांधी अपने निर्णय पर खड़े उतरे. वह अभी युवा हैं अगर वह चाहें तो दोबारा भी अध्यक्ष बन सकते हैं.

राहुल गांधी ने अपने ट्विटर अकाउंट से भी हटाया 'कांग्रेस प्रेसिडेंट', राजनीतिक पार्टियों से आया कुछ ऐसा रिएक्शन

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अपने ट्विटर एकाउंट से भी हटाया 'कांग्रेस प्रेसिडेंट'

नई दिल्ली:

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. अपने इस्तीफे के तुरंत बाद ही उन्होंने अपने ट्विटर एकाउंट के बायो को भी अपडेट किया है. उन्होंने (Rahul Gandhi)अब 'कांग्रेस प्रेसिडेंट' की जगह खुदको इंडियन नेशनल कांग्रेस का सदस्य बताया है. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) द्वारा अध्यक्ष पद छोड़ने पर तमाम पार्टियों द्वारा प्रतिक्रिया भी आनी शुरू हो गई है.

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि मुबारक हो, वह अपने निर्णय पर खड़े उतरे. वह अभी युवा हैं अगर वह चाहें तो दोबारा भी अध्यक्ष बन सकते हैं. वह हमेशा से चाहते थे कि उनकी जगह कोई और यह पद संभाले. मैं ऐसा नहीं मानता कि चुनाव में हार की वजह से वह ऐसा कर रहे हैं. मुझे लगता है वह अब पार्टी को दोबारा से मजबूती देने के लिए काम करेंगे.

वहीं, बीजेपी के नेता नलिनी कोहली ने राहुल गांधी के इस्तीफे पर कहा कि यह उनके ऊपर है कि वह इस्तीफा देते हैं या ऐसे हालात में खुद ही अध्यक्ष बने रहते हैं. दो तरह की पार्टियां होती हैं. एक बीजेपी जैसी जो लोकतंत्र के आधार पर चलती हैं जबकि दूसरी तरफ एक ऐसी पार्टी भी है जिसे सिर्फ परिवार वाले ही चलाते हैं. अब उन्हें निर्णय लेना है, इसमें हम कुछ नहीं बोल सकते. 

कांग्रेस के नेता सचिन पायलट ने NDTV स कहा कि राहुल गांधी जी को सभी ने आग्रह किया है कि वह अपना इस्तीफा वापस लें. जो संघर्ष उन्होंने किया है वो सब जानते हैं. हमारे अनुरोध है कि वो अपना मन बदलें और नए सिरे से अध्यक्ष के रूप में काम करें. 

वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि जबसे उन्होंने ये संकेत दिए थे तबसे ही हमें एक उम्मीद थी कि हम उनको मना लेंगे. उनके संकल्प को कई बदल नहीं पाया. हमें बड़े दुख के साथ यह स्वीकार करने पडे़गा. हम बस एक बात जानते हैं कि वो भले अध्यक्ष नहीं रहेंगे लेकिन नेता तो रहेंगे ही कांग्रेस के. 

बता दें कि राहुल गांधी ने अपने इस्तीफे के साथ ही एक ओपन लेटर भी लिखा. उन्होंने पत्र में 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी को मिली हार का जिक्र करते हुए लिखा 'अध्यक्ष के नाते हार के लिए मैं जिम्मेदार हूं. इसलिये अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं'. उन्होंने आगे लिखा, पार्टी को जहां भी मेरी जरूरत पड़ेगी मैं मौजूद रहूंगा. बता दें कि बुधवार को राहुल गांधी ने कहा कि एक महीने पहले ही नए अध्यक्ष का चुनाव हो जाना चाहिए था. राहुल गांधी ने कहा, 'बिना देर किए हुए नए अध्यक्ष का चुनाव जल्द हो. मैं इस प्रक्रिया में कहीं नहीं हूं. मैंने पहले ही अपना इस्तीफा सौंप दिया है और मैं अब पार्टी अध्यक्ष नहीं हूं. सीडब्ल्यूसी को जल्द से जल्द बैठक बुलाकर फैसला करना चाहिए.'

दिल्ली कांग्रेस ने पार्टी आलाकमान को लिखा खत, उम्मीदवारों की जल्द घोषणा की मांग

वहीं, कांग्रेस से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पार्टी के नए अध्यक्ष का फैसला एक सप्ताह में हो जाएगा. बता दें, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी ने अपने इस्तीफे की पेशकश की थी. उसके बाद से कांग्रेस नेता उन्हें इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाते रहे हैं, लेकिन राहुल गांधी हमेशा कहते रहे हैं कि वह अपना मन नहीं बदलेंगे.

राहुल गांधी से मिले कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री, अशोक गहलोत ने कहा - अध्यक्ष पद पर बने रहने का किया है आग्रह 

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

 गौरतलब है कि कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सोमवार को ही पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के दौरान सभी मुख्यमंत्रियों ने उनसे पार्टी के अध्यक्ष (Rahul Gandhi) के तौर पर बने रहने का आग्रह भी किया थी. बैठक के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से बातचीत मे कहा था कि हमने राहुल जी से आग्रह किया कि वह अध्यक्ष (Rahul Gandhi) पद पर बने रहें.