क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को जल्द ही कांग्रेस की पंजाब इकाई (Punjab Congress) का प्रमुख नियुक्त किया जा सकता है. सूत्रों ने गुरुवार दोपहर को यह जानकारी दी है. पंजाब यूनिट में पार्टी के अंदर चल रही कलह को खत्म करने के फार्मूले पर बात बन गई है. पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में पार्टी अंतर्कलह को हर हाल में खत्म करना चाह रही है.
नवजोत सिंह सिद्धू, जिनकी मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ लंबे समय से अंदरूनी लड़ाई चली आ रही थी, सुनील जाखड़ की जगह लेंगे. सूत्रों ने बताया कि दो अन्य नेताओं को कार्यकारी अध्यक्ष नामित किए जाने की भी संभावना है. इनमें से एक चेहरा दलित समुदाय से और दूसरा हिंदू चेहरा होगा.
समझौते के तहत सीएम अमरिंदर सिंह अपने मंत्रिपरिषद में भी बदलाव करेंगे, जिसमें चरणजीत चन्नी और गुरप्रीत कांगर को मंत्री पद से हटाया जा सकता है. जबकि तीन या चार चेहरों को मंत्रिपरिषद में शामिल किया जा सकता है. इनमें विधानसभा अध्यक्ष राणा केपी सिंह, विधायक राज कुमार वेरका के अलावा दलित समुदाय से कोई एक चेहरा हो सकता है.
पंजाब कांग्रेस में सुलह यानि झगड़ा जारी रहेगा
पिछले महीने विधायकों द्वारा इस मुद्दे को हल करने के लिए पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति के सामने रखी गई मांगों में दलित समुदाय का प्रतिनिधित्व काफी अहम थी. अन्य मांगों और असंतोष के बिंदुओं में अमरिंदर सिंह के नेतृत्व के साथ-साथ 2015 का बेअदबी मामला और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग भी शामिल है.
अभी हाल ही में सिद्धू ने राज्य के बिजली संकट को लेकर भी सिंह की खिंचाई की थी. हालांकि उस दौर के हमलों में विपक्षी अकाली दल पर भी कटाक्ष शामिल था. इस मंत्रालय का नेतृत्व अमरिंदर सिंह खुद कर रहे हैं.
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