सुषमा स्वराज और अरुण जेटली का फाइल फोटो
नई दिल्ली:
भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने दागी सांसदों और विधायकों पर विवादास्पद अध्यादेश को लेकर कांग्रेस पर भाजपा के बारे में ‘पूरी तरह से झूठ’ प्रचारित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने विधेयक और अध्यादेश दोनों का ही लगातार विरोध किया है।
सुषमा ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर की गई श्रृंखलाबद्ध टिप्पणी में कहा कि प्रस्तावित विधेयक पर चर्चा के लिए आयोजित सर्वदलीय बैठक में नेताओं के समक्ष चार विकल्प रखे गए थे, लेकिन वहां पर सभी विचार भिन्न थे इसलिए कोई सर्वसम्मति नहीं बन पाई।
उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक के बाद वित्तमंत्री पी चिदंबरम और संसदीय मामलों के मंत्री कमलनाथ ने उन्हें बताया कि सभी चार विकल्पों को गहन विचार-विमर्श के लिए स्थायी समिति को भेज दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, विधेयक के राज्यसभा में पेश किए जाने के बाद (कानून मंत्री) कपिल सिब्बल ने अरुण जेटली और मुझसे मेरे चैंबर में मुलाकात की और हमने स्पष्ट रूप से अपना विरोध जताया। हमने कपिल सिब्बल को बताया कि विधेयक गलत और असंवैधानिक है। हमारे विरोध के चलते ही विधेयक को स्थायी समिति को भेज दिया गया। उन्होंने कहा कि जब अध्यादेश को मंजूरी दी गई, भाजपा ने पहले ही दिन विरोध जताया और राष्ट्रपति से उस पर हस्ताक्षर नहीं करने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा, अध्यादेश अनैतिक, अवैध और असंवैधानिक था। हमने विधेयक का विरोध किया। हमने अध्यादेश का विरोध किया। कांग्रेस जो प्रचारित कर रही है वह पूरी तरह से झूठ है।
सुषमा ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर की गई श्रृंखलाबद्ध टिप्पणी में कहा कि प्रस्तावित विधेयक पर चर्चा के लिए आयोजित सर्वदलीय बैठक में नेताओं के समक्ष चार विकल्प रखे गए थे, लेकिन वहां पर सभी विचार भिन्न थे इसलिए कोई सर्वसम्मति नहीं बन पाई।
उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक के बाद वित्तमंत्री पी चिदंबरम और संसदीय मामलों के मंत्री कमलनाथ ने उन्हें बताया कि सभी चार विकल्पों को गहन विचार-विमर्श के लिए स्थायी समिति को भेज दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, विधेयक के राज्यसभा में पेश किए जाने के बाद (कानून मंत्री) कपिल सिब्बल ने अरुण जेटली और मुझसे मेरे चैंबर में मुलाकात की और हमने स्पष्ट रूप से अपना विरोध जताया। हमने कपिल सिब्बल को बताया कि विधेयक गलत और असंवैधानिक है। हमारे विरोध के चलते ही विधेयक को स्थायी समिति को भेज दिया गया। उन्होंने कहा कि जब अध्यादेश को मंजूरी दी गई, भाजपा ने पहले ही दिन विरोध जताया और राष्ट्रपति से उस पर हस्ताक्षर नहीं करने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा, अध्यादेश अनैतिक, अवैध और असंवैधानिक था। हमने विधेयक का विरोध किया। हमने अध्यादेश का विरोध किया। कांग्रेस जो प्रचारित कर रही है वह पूरी तरह से झूठ है।
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