वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र की गतिविधियों में निजी क्षेत्र को शामिल किया जाएगा. अंतरिक्ष क्षेत्र में सैटेलाइट और लॉन्चिंग के लिए निजी कंपनियों को समान अवसर दिए जाएंगे. भारतीय एयर स्पेस सेवाओं में बंदिशें कम की जाएंगी. निजी सेक्टर को इसरो की सुविधाओं का उपयोग करने की इजाजत दी जाएगी. भविष्य की परियोजनाओं में ग्रहों की खोज, अंतरिक्ष यात्रा आदि निजी क्षेत्र के लिए खोली जाएंगी.
वित्त मंत्री ने कहा कि देश के सिविल एविएशन सेक्टर, जो कि प्रति वर्ष 1000 करोड़ का है, में एयर स्पेस पर प्रतिबंध कम किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि फिलहाल सिर्फ 60 फीसदी एयर स्पेस आसानी से उपलब्ध है.
वित्त मंत्री ने कहा कि छह और एयरपोर्ट नीलामी के लिए रखे जाएंगे. भारत वायुक्षेत्र की पाबंदी को सरल और सुगम बनाने के लिए समन्वय करेगी. इससे फ्यूल की बचत होगी और पर्यावरण को नुकसान भी नहीं होगा. छह और हवाई अड्डों की तीसरे दौर में नीलामी होगी. पीपीपी मॉडल से 6 हवाई अड्डों को विकसित किया जाएगा. यह हवाई अड्ड वाराणसी, अमृतसर, भुवनेश्वर, इंदौर, रायपुर और त्रिचि के हैं.
कोरोना वायरस की महामारी के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लगातार चौथे दिन मीडिया से बातचीत की. उन्होंने आज आर्थिक पैकेज में बुनियादी ढांचा और अर्थव्यवस्था के बारे में विस्तार से बताया. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का ध्यान बुनियादी सुधारों पर है. कारोबार को आसान करना लक्ष्य है. आठ क्षेत्रों में सरकार का फोकस है, जिनमें कोयला, खनिज, एयरपोर्ट पर काम जारी है. ISRO और बिजली वितरण को लेकर नए कदम उठाए जाएंगे.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश में 50,000 करोड़ रुपये बुनियादी ढांचे पर व्यय किए जाएंगे. निर्मला सीतारमण ने कहा कि औद्योगिक बुनियादी ढांचे का उन्नयन किया जाएगा. हमने औद्योगिक बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करना का फैसला किया है. साल 2020-21 में सभी इंडस्ट्रियल पार्कों को रैंक किया जाएगा. देश में जमीन की उपलब्धता पांच लाख हेक्टेयर है, उसमें इसका लाभ मिलेगा. निवेशकों को राज्यों में जल्द जमीन उपलब्ध कराई जा सके इसके लिए प्रयास किया जाएगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि कोयला खनन में सरकार का एकाधिकार खत्म किया जा रहा है, वाणिज्यिक खनन की अनुमति दी जा रही है. कोयला उत्पादन क्षेत्र में हमारी आत्मनिर्भरता कैसे बने? उपलब्ध क्षमता का दोहन हम नहीं कर पाए. इसमें बदलाव किए जाएंगे. लगभग 500 नए ब्लॉक खनन के लिए नीलाम किए जाएंगे. कोल सेक्टर में 50 हजार करोड़ का निवेश किया जाएगा.
रक्षा क्षेत्र पर भी सरकार का फोकस होगा. मेक इन इंडिया पर सरकार का जोर है. देश में 3,376 औद्योगिक विकास क्षेत्रों में लाभ दिया जाएगा.
वित्त मंत्री ने आज स्ट्रक्चरल रिफॉर्म और भारतीय अर्थव्यवस्था पर बात की. उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इंडिया और भारत निर्माण पर सरकार का जोर है. उत्पादन बढ़ाने, रोजगार की संभावनाएं बढ़ाने की कोशिशें की जा कही हैं.
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने नीतिगत सुधार शुरू किए हैं, ताकि भारत को अधिक आत्मनिर्भर बनाने के लिए निवेश को फास्टट्रैक किया जा सके. निवेश लाना है और रोज़गार बढ़ाना है. आत्मनिर्भर भारत की कल्पना पीएम मोदी ने रखी थी. प्रधानमंत्री जी ने पहले भी कई बार कहा है रिफार्म, परफार्म और ट्रांसफार्म.
उन्होंने कहा कि आठ नए क्षेत्रों को लेकर आपके सामने आए हैं. आत्मनिर्भर भारत के लिए कड़ी चुनौती की लिए तैयार रहना होगा. कोविड 19 के दौर में भी हर गांव में बिजली और हर घर को राशन देने की बात है. प्रत्येक मंत्रालय में फंड बनेगा जो तय करेगा कि कहां निवेश आ सकता है. राज्यों की रैंकिंग होगी. इसका आधार होगा, उनकी निवेश को कितना आकर्षित करने वाली पॉलिसी हैं. उनको जितना भी इसेंटिव देने की जरूरत होगी वह देंगे.
वित्त मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के बीच बड़ा आर्थिक सुधार करते हुए कोयला खनन में सरकार का एकाधिकार खत्म किया जा रहा है. अब कामर्शियल माइनिंग की इजाज़त दी जाएगी. केंद्र सरकार खनिज सेक्टर में भी निजी निवेश को बढ़ावा देगी.
ऐसे अस्त्रों / प्लेटफॉर्मों के आयात पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है जिनका निर्माण भारत में आवश्यक मानकों पर हो सकता है. इस प्रतिबंध सूची को हर वर्ष बढ़ाया जाएगा. ऑटोमैटिक रूट के तहत रक्षा उत्पादन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी किया जाएगा. ऑर्डनेंस फैक्टरी बोर्ड (OFB) का निगमीकरण किया जाएगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की बहुत जरूरत है. सरकार इस दिशा में काफी समय से काम कर रही है. हथियार और उनके पार्ट्स का निर्माण भारत में ही हो इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं. वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि ऑटोमैटिक रूट के तहत रक्षा उत्पादन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी किया जाएगा. ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड का निगमीकरण किया जाएगा. कंपनियों की लिस्टिंग की जाएगी.
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