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धराली में तबाही से पहले और बाद की सेटेलाइट तस्वीरें आई सामने, देखिए कुदरत के कहर के बाद अब कैसा है मंजर

सेटेलाइट से ली गई ये दोनों तस्वीरें अलग-अलग समय की हैं. पहली तस्वीर 13 जून 2024 की है जबकि दूसरी तस्वीर हादसे के ठीक बाद यानी 7 अगस्त 2025 की है.

धराली में हादसे की पहले और बाद की तस्वीरें

  • उत्तरकाशी के धराली में सैलाब आने से पूरा गांव मलबे के ढेर में तब्दील हो गया और लोग दबे हुए हैं
  • हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है ताकि मलबे में फंसे लोगों को निकाला जा सके
  • सेटेलाइट तस्वीरों में 13 जून 2024 की स्थिति में खीरगंगा नदी संकरी होकर भागीरथी नदी से मिलती दिख रही है
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उत्तरकाशी के धराली में मंगलवार को जो आपदा आई उसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. पहाड़ से आए सैलाब में पूरा का पूरा गांव मलबे के ढेर में तबदील हो गया. अभी भी इस मलबे में कई लोगों के दबे होने की बात कही जा रही है. हादसे वाली जगह पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. धराली से अब तक जो तस्वीरें निकलकर आई हैं वो बेहद डराने वाली हैं. 

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अब धराली की दो अलग-अलग तस्वीरें सामने आ रही हैं. ये तस्वीरें सेटेलाइट से ली गई हैं. ली गई तस्वीरों में से एक इस हादसे से पहले की है जबकि दूसरी हादसे के बाद की. इस तस्वीर में दिख रहा है कि कैसे सात अगस्त को एकाएक आए सैलाब ने पूरे गांव को अपनी चपेट में ले लिया. 

सेटेलाइट से ली गईं ये दोनों तस्वीरें अलग-अलग समय की हैं. पहली तस्वीर जो 13 जून 2024 की है तो दूसरी तस्वीर हादसे के ठीक बाद यानी 7 अगस्त 2025 की है. पहली तस्वीर में दिख रहा है कि किस तरह से खीरगंगा नदी एक संकरे रूप में धराली से होते हुए आगे भागीरथी नदी में जाकर मिल रही है.

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वहीं, दूसरी जो तस्वीर आई है वो हादसे के ठीक बाद की है. इसमें साफ तौर पर दिख रहा है कि पहाड़ों के ऊपर से आया गाद धराली गांव को पूरी तरह से अपनी चपेट में ले चुका है. पहाड़ से नदी अपने साथ इतना मलबा लेकर आई है कि वह धराली गांव के आगे से बह रही भागीरथी नदी तक पहुंच चुका है. 

आपको बता दें कि धराली में हुए भूस्खलन और फ्लैश फ्लड के बाद हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं.मलबे के नीचे दबे लोगों को बचाने के लिए राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है. सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियों की संयुक्त टीमें मौके पर डटी हुई हैं. इस अभियान में खोजी कुत्तों और ड्रोन की भी मदद ली जा रही है ताकि मलबे में दबे लोगों का पता लगाया जा सके. 

सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि 14 राजस्थान राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर हर्षवर्धन के नेतृत्व में 150 जवानों की टीम राहत कार्य में जुटी हैं. वहीं आईटीबीपी के पीआरओ कमलेश कुमार कमल ने बताया कि अब तक 100 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है. इनमें से कई को तत्काल मेडिकल सहायता दी गई है. 

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