संसद का बजट सत्र सोमवार को शुरू हो गया है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट से एक दिन पहले आर्थिक सर्वे पेश किया. जिसमें बताया गया कि मौजूद वित्तीय साल में भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ़्तार 9.2% रहने की उम्मीद है. इकनोमिक सर्वे में दावा किया गया है कि अर्थव्यवस्था में सुधार के साथ ही 2020-21 की आखिरी तिमाही में एम्प्लॉयमेंट इंडीकेटर्स प्री-कोविड स्तर पर पहुंच गए. हालांकि प्रिंसिपल इकनोमिक एडवाइज़र संजीव सान्याल ने माना कि देश में बेरोजगारी के रियल टाइम सरकारी डाटा की कमी है. कोरोना संकट की वजह से कमज़ोर पड़ी अर्थव्यवस्था की वजह से देश में कितने लोग बेरोजगार हुए, रोजगार संकट कितना बड़ा है, ये सवाल बेहद पेचीदा है और इस पर प्रिंसिपल इकनोमिक एडवाइज़र सीधा जवाब देने से बचते दिखे.
Economic Survey : आर्थिक सर्वे पेश, 2022-23 में GDP ग्रोथ 8-8.5% रहने का अनुमान
संजीव सान्याल, प्रिंसिपल इकनोमिक एडवाइज़र ने कहा कि रियल टाइम आधिकारिक बेरोजगारी डेटा की कमी है. एक है जो एक महत्वपूर्ण अंतराल के साथ आता है. आधिकारिक आंकड़ों से हम जो जानते हैं वह यह है कि लॉकडाउन के दौरान रोजगार में उल्लेखनीय गिरावट आई थी. मार्च (2021) तक स्थिति सुधरी, लेकिन फिर दूसरी लहर आई. कोई बड़ा डेटा उपलब्ध नहीं है.
रेलवे और सरकारी नौकरियों में खली पड़े पदों को लेकर जारी विवाद पर उन्होंने कहा कि सरकार में बड़ी संख्या में रिक्तियां हैं. आप सही हैं, वे हर साल भर जाती हैं. आपको ऐसा लगता है कि 8 लाख नौकरी रिक्तियां हैं, लेकिन वे भर जाती हैं. लोग सरकार में शामिल होते हैं और छोड़ देते हैं या रिटायर हो जाते हैं.
Budget 2022: मध्यम वर्ग को उम्मीद, महंगाई, बेरोजगारी कम करने के लिए के उठाए जाएं अहम कदम
गौरतलब है कि आम बजट से ठीक पहले संसद में पेश आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि 2022-23 के दौरान जीडीपी की विकास दर 8 से 8.5% रहने की उम्मीद है. हालांकि आर्थिक सर्वे ने आगाह किया है कि ओमिक्रॉन और कई दूसरी वजहों से अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है. कोरोना संकट से उबर रही अर्थव्यवस्था में सुधार की प्रक्रिया तेज़ हो रही है. अप्रैल से दिसंबर 2021 के बीच औसत फूड इन्फ्लेशन 2.9% रही. वहीं खुदरा महंगाई दर अप्रैल-दिसंबर 2021 के दौरान मॉडरेट होकर 5.2% रही. इकनोमिक सर्वे ने आगाह किया है कि अंतरष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता है. ओमिक्रॉन कई देशों में अब भी फैला हुआ है, कई देशों में इनफ्लेशन हाई है और नकदी का संकट उभर रहा है.
संसद के बजट सत्र में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अभिभाषण, सुनें पूरी स्पीच
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं