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This Article is From Jan 31, 2022

Budget 2022: मध्यम वर्ग को उम्मीद, महंगाई, बेरोजगारी कम करने के लिए के उठाए जाएं अहम कदम

आर्थिक विशेषज्ञ और सीए पंकज जायसवाल ने बताया, "मिडल क्लास, खास तौर पर सैलरीड क्लास को बहुत उम्मीदें हैं, वो चाहता है कि स्टैण्डर्ड डिडक्शन कम किया जाए, ताकि उसके हाथ में कुछ कैश बचे. स्टैण्डर्ड डिडक्शन के साथ ही ATC में जो डेढ़ लाख की लिमिट है उसे बढ़ाया जाए.

Budget 2022: मध्यम वर्ग को उम्मीद, महंगाई, बेरोजगारी कम करने के लिए के उठाए जाएं अहम कदम
मध्यम वर्ग को मंगलवार के दिन पेश होने वाले बजट से कई उम्मीदें हैं
नई दिल्ली:

मध्यम वर्ग को मंगलवार के दिन पेश होने वाले बजट से कई उम्मीदें हैं. एक साल में आई कोविड की दो लहरों का असर उनकी जेब पर पड़ा है और यह सरकार से कुछ राहत की उम्मीद कर रहे हैं. मुंबई के प्रभादेवी इलाके में रहने वाली विनीता राणे पिछले साल तक एक निजी कंपनी में बतौर एडमिन और अकाउंटेंट काम करती थीं, लेकिन कोविड के दूसरे लहर में इन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ा. बच्चों के वर्क फ्रॉम होम और ऑनलाइन पढ़ाई की वजह से एक साल में इनके बिजली का बिल बढ़ गया है. उज्ज्वला योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी भी इन्हें नहीं मिली है. कुल मिलाकर एक साल में खर्च बढ़ा है और कमाई कम हुई है. इस बजट में सरकार से यह राहत की उम्मीद कर रही हैं.

विनीता राणे ने बताया, "परसेंटेज के हिसाब से अगर मैं बताऊं तो सैलरी 75 फीसदी पर आ गई, 25 फीसदी कम हो चुकी है, जबकि खर्च 25 फीसदी से बढ़ गया है. पहले घर के खर्च का बजट था 21 से 22 हजार था, जो अब 33 से 34 हजार रुपये हो गया है. सरकार से उम्मीद यही है कि शहरों में रहने वाले मिडिल क्लास पर ही ज्यादा इम्पैक्ट होता है, यह बैलेंस अगर सरकार की बजट में जुड़ जाए तो लोगों के स्टैण्डर्ड ऑफ लिविंग बढ़ जाएगी.

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इंजीनियरिंग की पढाई कर चुके कमलेश घाड़ीगांवकर ने स्टाफ सिलेक्शन बोर्ड, एसबीआई, रेलवे के NTBC जैसे कई भर्तियों के लिए परीक्षा दी है, लेकिन एक का भी रिजल्ट अब तक नहीं आया है. इन्हें भी कोरोना काल में 4 महीने बेरोजगार रहना पड़ा और अब कम वेतन में काम करने को यह मजबूर हैं. इनकी उम्मीद है कि बेरोजगारी के बढ़ते आंकड़ों को कम करने के लिए सरकार अपने बजट में कोई कदम उठाएगी.

कमलेश घाड़ीगांवकर ने कहा, "नए उद्योग आने चाहिए, मुम्बई में जॉब मिलने में परेशानी हो रही है. आबादी ज्यादा है, कंपनियां कम हैं. कंपनी आए और साथ ही सरकारी जॉब भी मिलनी चाहिए."

बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के साथ ही मध्यम वर्ग के लिए बेरोजगारी और महंगाई एक बड़ी समस्या है, जिसे लेकर उन्हें उम्मीद है कि इनकी परेशानियों को कम करने के लिए बजट में कुछ ऐलान किया जाएगा.

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CMIE के आंकड़ों के अनुसार 30 जनवरी 2022 में देश की बेरोजगारी दर 6.5% है. शहरी इलाकों में बेरोजगारी दर 8.2 फीसदी है, ग्रामीण इलाकों में 5.8 फीसदी है. दिसंबर महीने में देश में रिटेल महंगाई दर 5.59 फीसदी रही. यह 5 महीने में सबसे ज्यादा है. महंगाई और बेरोजगारी को कम करने के लिए कदम उठाने की मांग मध्यम वर्ग की ओर से की जा रही है.

आर्थिक विशेषज्ञ और सीए पंकज जायसवाल ने बताया, "मिडल क्लास, खास तौर पर सैलरीड क्लास को बहुत उम्मीदें हैं, वो चाहता है कि स्टैण्डर्ड डिडक्शन कम किया जाए, ताकि उसके हाथ में कुछ कैश बचे. स्टैण्डर्ड डिडक्शन के साथ ही ATC में जो डेढ़ लाख की लिमिट है उसे बढ़ाया जाए. स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ गया है तो ATD, ATDD की लिमिट को बढ़ाया जाए.

एक साल के भीतर ही दूसरी और तीसरी लहर ने आम आदमी को बहुत परेशान किया है और इसलिए इस बजट से राहत की उम्मीदें बढ़ गई हैं, लेकिन अब यह देखना अहम होगा कि लोगों की परेशानी को कम करने के लिए क्या सरकार की ओर से वाकई कोई कदम उठाया जाएगा.

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