नागरिकता कानून के खिलाफ दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में हो रहे प्रदर्शन के बीच दिल्ली पुलिस ने राजधानी में एक अलग से जेल बनाने की मांग रखी थी. इस मांग को लेकर रोहिणी जिले के एडिशनल कमिश्नर एसडी मिश्रा ने एक चिट्ठी लिखा था. NDTV के पास इस चिट्ठी कॉपी मिली है. इस चिट्ठी में कहा गया है कि दिल्ली में सीएए को लेकर हो रहे प्रदर्शन के बीच हमें अलग-अलग एजेंसियों ने अगहा किया है कि कुछ प्रदर्शनकारी दिल्ली चुनाव 2020 से ठीक पहले कोई हिंसा या माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर सकते हैं.
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ऐसे में हम दिल्ली के निजामपुर गांव के जांगली राम पहलवान स्टेडियम को एक अस्थाई जेल के तौर पर इस्तेमाल किया जाए. चिट्ठी में कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों को दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों से कोर्ट अरेस्ट करके जंगली राम पहलवान स्टेडियम , निजामपुर गांव, कंझावला ले जाया जाएगा.
बता दें कि यह चिट्ठी 29 जनवरी को लिखा गया था. हालांकि, पुलिस के मुताबिक ये पत्र तब लिखा गया था जब 30 जनवरी को लोग ह्यूमन चैन बनाने की प्लानिंग कर रहे थे .जामिया से लेकर राजघाट तक,लेकिन वो कार्यक्रम हो नहीं पाया फिर इस लेटर का कोई मतलब नहीं है. अभी चुनाव के दौरान कोई अस्थाई जेल नहीं बनाई जा रही है ,न ही इसके लिए हाल फिलहाल कोई पत्र लिखा गया है. लेकिन इस सब के बीच सवाल उठता है कि सबसे पहले पुलिस कह रही थी कोई चिट्ठी लिखी ही नहीं गई.
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अब चिट्ठी सामने आई है तो पुलिस कह रही है कि यह तब लिखी गई थी अब इसका कोई मतलब नहीं है.क्या दिल्ली पुलिस ने दिल्ली सरकार से अपनी ये चिट्ठी वापस ले ली है? यह चिट्ठी 29 जनवरी को यानी अब से सिर्फ 1 हफ्ते पहले लिखी गई है.
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