प्रशांत किशोर की कांग्रेस में एंट्री करीब-करीब तय : सूत्र

प्रशांत किशोर ने 2024 के आम चुनाव को लेकर कांग्रेस के समक्ष एक प्रजेंटेशन भी पेश किया था. इसको लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक समिति भी बनाई थी, इस समिति ने अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी है. 

नई दिल्ली:

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) का कांग्रेस (Congress) में शामिल होना करीब-करीब तय माना जा रहा है. सूत्रों ने शुक्रवार को ये जानकारी दी. पिछले कुछ दिनों में प्रशांत किशोर और गांधी परिवार के बीच कई दौर की बैठकें हुई हैं. प्रशांत किशोर ने 2024 के आम चुनाव को लेकर कांग्रेस के समक्ष एक प्रजेंटेशन भी पेश किया था. इसको लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक समिति भी बनाई थी, इस समिति ने अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी है. ऐसी खबरें हैं कि प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल होने को लेकर पार्टी में कई आमराय नहीं है. कुछ नेता उन्हें चुनाव रणनीतिकार के तौर पर अलग से कोई भूमिका दिए जाने के पक्ष में हैं. ऐसी रिपोर्ट हैं कि प्रशांत किशोर सीधे सोनिया गांधी या फिर जो भी कांग्रेस अध्यक्ष हो, उसे रिपोर्ट करना चाहते हैं. वो चाहते हैं कि उनकी इतनी हैसियत होनी चाहिए कि अपनी बात रख सकें.

सूत्रों के मुताबिक, उनकी भूमिका कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा राहुल गांधी के साथ विचार-विमर्श के बाद तय की जाएगी. हालांकि इसमें एक शर्त भी है. प्रशांत किशोर की भूमिका को लेकर जो एक समिति बनाई गई थी, उसका कहना है कि प्रशांति किशोर का अन्य राजनीतिक दलों से खुद को अलग कर लेना चाहिए और पूरी तरह से कांग्रेस के लिए काम करना चाहिए.

प्रशांत किशोर और उनकी आईपीएसी इससे पहले ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस, जगम मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआर कांग्रेस के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव में काम कर चुकी है. लेकिन सूत्रों का कहना है कि अगर प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल होते हैं तो ये सब उन्हें बंद करना होगा. इसे कुछ पार्टी नेताओं का प्रशांत किशोर के खिलाफ सबसे बड़ा ऐतराज माना जा रहा है. बहुत से लोगों की अभी भी ये राय है कि प्रशांत किशोर राष्ट्रीय भूमिका चाहते हैं औऱ एक पार्टी से बंधकर नहीं रहना चाहते. फिर चाहे वो तृणमूल हो या तेलंगाना की टीआरएस, जहां मौजूदा वक्त में वो राजनीतिक सलाहकार की भूमिका में हैं.  

ऐसी खबरें हैं कि कुछ वरिष्ठ नेता प्रशांत किशोर को कांग्रेस का पदाधिकारी बनाने के पक्ष में है नहीं हैं. उनको नहीं लगता कि उनको कोई महासचिव का पद दिया जाए. विरोध करने वाले नेताओं का कहना है कि प्रशांत किशोर को कांग्रेस अध्यक्ष सलाहकार के रूप में सलाहकार के रूप में नियुक्त करें और वह जो भी रणनीतिकार की भूमिका होती है वो निभाते रहें. लेकिन वहीं कुछ नेता प्रशांत किशोर को कांग्रेस में शामिल कराने के पक्ष में हैं.

सोनिया गांधी द्वारा बनाई गई समिति में शामिल दिग्विजय सिंह ने हालांकि कहा है कि उनके संज्ञान में ऐसा कुछ नहीं है कि प्रशांत किशोर को लेकर पार्टी में कोई विरोध है. उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर अच्छे चुनावी रणनीतिकार हैं और अगर वो कांग्रेस से जुड़ना चाहते हैं तो अच्छी बात है. 

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस की आंतरिक कमेटी की रिपोर्ट में अपनी रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंप दिया है. उसने प्रशांत किशोर की पार्टी में भूमिका और पार्टी के रोडमैप को लेकर विचार विमर्श किया है. प्रशांत किशोर ने इसको लेकर कई बार प्रजेंटेशन दिया है. एक प्रजेंटेशन पिछले साल दिया गया था, लेकिन इसके बाद गांधी परिवार के साथ उनकी वार्ता में टूट गई. इस रिपोर्ट में उन्होंने पार्टी के लगातार कमजोर होने, विरासत के आधार पर आगे बढ़ने, उपलब्धियों को सही तरीके से पेश करने और संगठनात्मक कमजोरियों का जिक्र किया था. 

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