मेघालय में सियासी उलटफेर ने सभी को चौंका दिया है. कांग्रेस के 12 विधायकों के कांग्रेस छोड़ टीएमसी में शामिल होने के बाद राज्य में ममता बनर्जी का दबदबा बढ़ गया है. कल बुधवार की देर शाम मुकुल संगमा के नेतृत्व में कांग्रेस के 17 में से 12 विधायक टीएमसी में शामिल हो गए. इस सियासी घटनाक्रम की शुरुआत चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और वरिष्ठ कांग्रेस नेता के बीच एक बैठक के साथ शुरू हुई है. आज गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में मुकुल संगमा ने बताया कि वे प्रशांत किशोर से कोलकाता में मिले थे. उन्होंने को अच्छा दोस्त बताया और कहा कि वे बदलाव ला सकते हैं.
संगमा ने कहा कि यह सब कांग्रेस हाईकमान द्वारा विन्सेंट पाला को पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख के रूप में चुने जाने के बाद शुरू हुआ.
संगमा ने कहा, "लोकतंत्र में संतुलन होना चाहिए. हमें एक प्रभावी विपक्ष की जरूरत है." "हमने इसे दिल्ली में नेतृत्व के साथ साझा किया. हमने दिल्ली की कई यात्राएं की, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ ... विपक्ष का विकल्प तलाशते हुए मैं अपने अच्छे दोस्त प्रशांत किशोर-जी से मिला, जिन्हें हम सभी जानते हैं कि वह फर्क ला सकते हैं. मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि जब हमने बातचीत की तो हमने एक ही उद्देश्य साझा किया जो कि लोगों का हित है."
याद दिला दें कि प्रशांत किशोर ने अप्रैल-मई में हुए पश्चिम बंगाल चुनावों के लिए ममता बनर्जी के अभियान को तैयार किया था. इस चुनाव में ममता बनर्जी को शानदार जीत मिली. अब वे ममता बनर्जी को राष्ट्रीय मंच की ओर ले जा रहे हैं.
याद दिला दें कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने ममता बनर्जी की बड़ी जीत के बाद कहा था कि वह "इस स्थान को छोड़ देंगे." उन्होंने चुनाव के बाद कहा था, "उनके साथ काम करना बेहद खुशी की बात थी. वह सुझावों को अपनातीं हैं और उनके साथ काम करके बेहद खुश हैं."
कई लोगों का मानना है कि ममता बनर्जी को अब विपक्ष के चेहरे के रूप में पेश किया जाएगा. यह स्थिति बंगाल के परिणामों से संभव हुई है, जहां ममता ने भाजपा की शक्तिशाली चुनावी मशीनरी को परास्त किया.
सूत्रों ने बताया कि प्रशांत किशोर की चुनावी रणनीति टीम 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस को तैयार करने के लिए मेघालय की राजधानी शिलांग में है.
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