प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) के खिलाफ उच्चतम न्यायलय की अवमानना के 11 साल पुराने मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जहां कोर्ट ने प्रशांत भूषण के स्पष्टीकरण को मंजूर करने से इनकार कर दिया. मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी. सुप्रीम कोर्ट को ये तय करना था कि मामले में वह स्पष्टीकरण को मंजूर करे या अदालत की अवमानना के लिए कार्रवाई आगे बढ़े. यह केस भूषण की ओर से तहलका को दिए गए इंटरव्यू को लेकर है जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि भारत के 16 मुख्य न्यायाधीशों में से आधे भ्रष्ट थे.
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प्रशांत भूषण ने इस मामले में कोर्ट में अपना स्पष्टीकरण दिया है जबकि तहलका के संपादक तरुण तेजपाल ने माफी मांगी है. 2009 में एक इंटरव्यू में वकील भूषण ने सुप्रीम कोर्ट के 8 पूर्व चीफ़ जस्टिस को भ्रष्ट कहा था.
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पिछली सुनवाई में भूषण ने 2009 में दिए अपने बयान पर खेद जताया था लेकिन बिना शर्त माफ़ी नहीं मांगी थी. भूषण ने कहा कि तब मेरे कहने का तात्पर्य भ्रष्टाचार कहना नहीं था बल्कि सही तरीक़े से कर्तव्य न निभाने की बात थी.
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