आगरा:
विमुद्रीकरण या नोटबंदी को लेकर संसद में विपक्षी दलों द्वारा किए जा रहे ज़ोरदार हमले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उत्तर प्रदेश के आगरा में हुई अपनी रैली के दौरान पलटवार किया, और किसी का भी नाम लिए बिना पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा, और शारदा चिटफंड घोटाले के चार साल से जेल में बंद मास्टरमाइंड सुदीप्तो सेन से उनके ताल्लुकात का ज़िक्र किया.
उत्तर प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के संदर्भ में आयोजित भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की 'परिवर्तन रैली' के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "मैं जानता हूं कि किस तरह के लोग मेरे खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं... क्या देश नहीं जानता कि चिटफंड व्यापार में किन लोगों का पैसा निवेश किया गया...? करोड़ों लोगों ने अपना पैसा इन चिटफंड में लगाया... लेकिन नेताओं के आशीर्वाद से इन चिटफंड से सैकड़ों करोड़ गायब हो गए..." उन्होंने यह भी कहा, "चिटफंड में हुए नुकसान की वजह से सैकड़ों परिवारों ने खुदकुशी कर ली..."
गौरतलब है कि शारदा चिटफंड घोटाले में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के कई विधायकों-सांसदों के नाम आए, और कुछ को जेल भी जाना पड़ा.
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने इन आरोपों को खारिज करते हुए प्रधानमंत्री पर पलटवार किया. उन्होंने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर कहा, "प्रधानमंत्री जी, आप भ्रष्टाचार को उन सभी से जोड़ रहे हैं, जो आपकी नीतियों का विरोध करते हैं... क्या आप ही अकेले जादूगर हैं...? जनता की आवाज़ को सुनिए, उनके दर्द को महसूस कीजिए... वे परेशानियां झेल रहे हैं, और वे इसके लिए आपको माफ नहीं करेंगे..."
वैसे, प्रधानमंत्री ने सिर्फ तृणमूल कांग्रेस प्रमुख पर ही निशाना नहीं साधा था. उन्होंने कहा था कि उनके कदम (नोटबंदी) को वे राजनैतिक दल पटरी से उतारने की कोशिश कर रहे हैं, जो "अपने विधायकों से नोट लेकर चुनाव का टिकट बेचा करते हैं", और "देश 70 साल तक चुप रहा है..." उनका इशारा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के दो पूर्व सदस्यों के बयानों की तरफ था, जिनमें उन्होंने पार्टी प्रमुख मायावती पर उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए टिकट बेचने का आरोप लगाया था. पिछले लोकसभा चुनाव की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश ने एक भी ऐसे नेता को नहीं चुना, जो बिकाऊ हो..." गौरतलब है कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में मायावती की बसपा का एक भी प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत पाया था.
इसके लगभग तुरंत बाद मायावती ने भी कानपुर के निकट पुखरायां में हुई ट्रेन दुर्घटना स्थल पर जाने की जगह रैली करने पहुंचने को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा. मायावती ने प्रधानमंत्री की रैली के बाद कहा, "आने वाले चुनाव में लोग उन्हें नहीं बख्शेंगे, और यह पीएम मोदी के लिए 'बुरे दिनों' की शुरुआत है..."
अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने दोहराया था कि वह विपक्ष के दबाव के आगे नहीं झुकेंगे. उन्होंने कहा था, "यह बहुत लंबी लड़ाई है, लेकिन मैं गरीबों के लिए लड़ता रहूंगा, क्योंकि गरीबों के लिए लड़ते रहने का आनंद ही कुछ और है..." प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार द्वारा काले धन के खिलाफ उठाए गए नोटबंदी के फैसले से मध्यम वर्ग तथा गरीबों को मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि 500 और 1,000 रुपये के नोटों को बंद करने से अघोषित धन बाहर आया है, और इससे आखिरकार ईमानदारों को ही फायदा होगा.
उन्होंने कहा था, "मैं गरीबों, मध्यम वर्ग था ईमानदार लोगों के सामने सम्मान के साथ सिर झुकाता हूं, और उन्हें प्रणाम करता हूं... वे मुश्किलें झेल रहे हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने इस कदम का समर्थन किया..." उन्होंने जनता से 50 दिन तक सब्र रखने की अपनी अपील को भी दोहराया, और कहा कि तब तक नकदी संकट खत्म हो जाएगा.
उत्तर प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के संदर्भ में आयोजित भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की 'परिवर्तन रैली' के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "मैं जानता हूं कि किस तरह के लोग मेरे खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं... क्या देश नहीं जानता कि चिटफंड व्यापार में किन लोगों का पैसा निवेश किया गया...? करोड़ों लोगों ने अपना पैसा इन चिटफंड में लगाया... लेकिन नेताओं के आशीर्वाद से इन चिटफंड से सैकड़ों करोड़ गायब हो गए..." उन्होंने यह भी कहा, "चिटफंड में हुए नुकसान की वजह से सैकड़ों परिवारों ने खुदकुशी कर ली..."
गौरतलब है कि शारदा चिटफंड घोटाले में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के कई विधायकों-सांसदों के नाम आए, और कुछ को जेल भी जाना पड़ा.
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने इन आरोपों को खारिज करते हुए प्रधानमंत्री पर पलटवार किया. उन्होंने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर कहा, "प्रधानमंत्री जी, आप भ्रष्टाचार को उन सभी से जोड़ रहे हैं, जो आपकी नीतियों का विरोध करते हैं... क्या आप ही अकेले जादूगर हैं...? जनता की आवाज़ को सुनिए, उनके दर्द को महसूस कीजिए... वे परेशानियां झेल रहे हैं, और वे इसके लिए आपको माफ नहीं करेंगे..."
वैसे, प्रधानमंत्री ने सिर्फ तृणमूल कांग्रेस प्रमुख पर ही निशाना नहीं साधा था. उन्होंने कहा था कि उनके कदम (नोटबंदी) को वे राजनैतिक दल पटरी से उतारने की कोशिश कर रहे हैं, जो "अपने विधायकों से नोट लेकर चुनाव का टिकट बेचा करते हैं", और "देश 70 साल तक चुप रहा है..." उनका इशारा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के दो पूर्व सदस्यों के बयानों की तरफ था, जिनमें उन्होंने पार्टी प्रमुख मायावती पर उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए टिकट बेचने का आरोप लगाया था. पिछले लोकसभा चुनाव की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश ने एक भी ऐसे नेता को नहीं चुना, जो बिकाऊ हो..." गौरतलब है कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में मायावती की बसपा का एक भी प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत पाया था.
इसके लगभग तुरंत बाद मायावती ने भी कानपुर के निकट पुखरायां में हुई ट्रेन दुर्घटना स्थल पर जाने की जगह रैली करने पहुंचने को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा. मायावती ने प्रधानमंत्री की रैली के बाद कहा, "आने वाले चुनाव में लोग उन्हें नहीं बख्शेंगे, और यह पीएम मोदी के लिए 'बुरे दिनों' की शुरुआत है..."
अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने दोहराया था कि वह विपक्ष के दबाव के आगे नहीं झुकेंगे. उन्होंने कहा था, "यह बहुत लंबी लड़ाई है, लेकिन मैं गरीबों के लिए लड़ता रहूंगा, क्योंकि गरीबों के लिए लड़ते रहने का आनंद ही कुछ और है..." प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार द्वारा काले धन के खिलाफ उठाए गए नोटबंदी के फैसले से मध्यम वर्ग तथा गरीबों को मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि 500 और 1,000 रुपये के नोटों को बंद करने से अघोषित धन बाहर आया है, और इससे आखिरकार ईमानदारों को ही फायदा होगा.
उन्होंने कहा था, "मैं गरीबों, मध्यम वर्ग था ईमानदार लोगों के सामने सम्मान के साथ सिर झुकाता हूं, और उन्हें प्रणाम करता हूं... वे मुश्किलें झेल रहे हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने इस कदम का समर्थन किया..." उन्होंने जनता से 50 दिन तक सब्र रखने की अपनी अपील को भी दोहराया, और कहा कि तब तक नकदी संकट खत्म हो जाएगा.
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