नरेंद्र मोदी सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में चार कैबिनेट, तीन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 14 राज्यमंत्रियों को शपथ दिलाई गई। मनोहर पर्रिकर, सुरेश प्रभु, जेपी नड्डा और चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। बंडारू दत्तात्रेय, राजीव प्रताप रूडी, डॉक्टर महेश शर्मा ने राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में शपथ ली।
मुख्तार अब्बास नकवी, रामकृपाल यादव, हरिभाई चौधरी, सांवरलाल जाट, मोहनभाई कुंदरिया, गिरिराज सिंह, हंसराज अहीर, रामशंकर कठेरिया, वाईएस चौधरी, जयंत सिन्हा, कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़, बाबुल सुप्रियो, साध्वी निरंजन ज्योति और विजय सांपला ने राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
शिवसेना और बीजेपी के बीच महाराष्ट्र से जुड़े मुद्दों पर गतिरोध नहीं सुलझने के कारण शिवसेना सांसद अनिल देसाई ने शपथ नहीं ली। खबरों के अनुसार वह सुबह दिल्ली आने के बाद हवाई अड्डे से ही मुंबई लौट गए।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने सभी संभावित मंत्रियों को चाय पर बुलाया। पीएम से चाय पर मुलाकात के बाद मनोहर पर्रिकर ने कहा कि जैसे ही प्रधानमंत्री आदेश देंगे, विभाग तय हो जाएंगे। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री जो भी विभाग देंगे, उसमें मैं काम करने में सक्षम हूं। हम चाय पर मिले और सामान्य बातें हुईं।
राजीव प्रताप रूडी ने ट्वीट किया, नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में एमओएस (स्वतंत्रत प्रभार) के रूप में हिस्सा बनकर देश की सेवा करना गौरव की बात है। मोदी कैबिनेट के संभावित मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने एनडीटीवी से कहा, प्रधानमंत्री जी ने मुझसे कहा, जिम्मेदारी से काम कीजिए और देश के हित में काम कीजिए।
मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद में पर्रिकर को रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी दिए जाने की संभावना है। साफ−सुथरी छवि के नेता मनोहर पर्रिकर गोवा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। आईआईटी इंजीनियर पर्रिकर को प्रधानमंत्री मोदी का बेहद करीबी माना जाता है। पर्रिकर फिलहाल किसी सदन के सदस्य नहीं हैं, इसलिए इनको उत्तर प्रदेश से राज्यसभा में लाए जाने के आसार हैं।
राज्यसभा सदस्य जेपी नड्डा हिमाचल प्रदेश से आते हैं। नड्डा प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के काफी करीबी माने जाते हैं और उनका आरएसएस से पुराना रिश्ता है। नड्डा हिमाचल प्रदेश में भी मंत्री रह चुके हैं।
चौधरी वीरेंद्र सिंह हरियाणा के कद्दावर कांग्रेस नेता रहे हैं। लोकसभा चुनावों से ठीक पहले वह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए। फिलहाल किसी सदन के सदस्य नहीं हैं।
सुरेश प्रभु शिवसेना के नेता हैं और उनको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंद माना जाता है। सुरेश प्रभु वाजपेयी सरकार में बिजली मंत्री रह चुके हैं। वह फिलहाल किसी सदन के सदस्य नहीं है।
राज्यसभा सदस्य मुख्तार अब्बास नकवी टीवी पर बीजेपी की ओर से एक जाने-पहचाने नाम हैं। नकवी बीजेपी के मुस्लिम चेहरों में अहम हैं। मुख्तार अब्बास नकवी अटल बिहारी वाजपयी की सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं।
राजीव प्रताप रूडी बिहार के सारण से सांसद हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव में बिहार की मुख्यमंत्री रह चुकीं राबड़ी देवी को हराया था। रूडी वाजपेयी सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री रह चुके हैं। वह पेशे से कमर्शियल पायलट हैं।
रामकृपाल यादव बिहार की पाटलिपुत्र सीट से लोकसभा सांसद हैं। चुनाव से ठीक पहले उन्होंने नाराजगी में लालू यादव की पार्टी छोड़ दी थी, क्योंकि लालू ने पाटलिपुत्र से उनकी जगह अपनी बेटी मीसा को आरजेडी का टिकट दे दिया था।
सांवरलाल जाट अजमेर से लोकसभा सदस्य हैं। वह कांग्रेस के सचिन पायलट को हराकर संसद में पहुंचे। सांवरलाल जाट को राजस्थान में बीजेपी का एक बड़ा जाट चेहरा माना जाता है।
गिरिराज सिंह बिहार के नवादा से लोकसभा के सदस्य हैं। आम चुनावों के वक्त अपने बयानों की वजह से वह कई बार विवादों में रहे। गिरिराज सिंह को बिहार में बीजेपी का भूमिहार चेहरा माना जाता है।
हंसराज अहीर महाराष्ट्र के चंद्रपुर से लोकसभा सदस्य हैं। वह चौथी बार लोकसभा के लिए चुने गए हैं। कोयला घोटाला उजागर करने में उनकी अहम भूमिका रही है। योग और रक्तदान को बढ़ावा देने वाली कई संस्थाओं से वह जुड़े रहे हैं।
वाईएस चौधरी को सहयोगी दलों से कोटे से मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। पिछली सरकार के दौरान संसद में ज़ोरशोर से तेलंगाना विरोधी नारे लगाते देखे गए। तेलुगू देशम पार्टी के राज्यसभा सदस्य वाईएस चौधरी आंध्र के बड़े उद्योगपति भी हैं।
जयंत सिन्हा झारखंड की हजारीबाग सीट से सांसद हैं। वह पहली बार संसद में पहुंचे हैं। आर्थिक मामलों पर उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। जयंत सिन्हा बीजेपी के सीनियर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के बेटे हैं।
कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ राजस्थान की जयपुर देहात सीट से सांसद हैं। चुनावों से पहले उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ली थी।
उन्होंने 2004 के एथेंस ओलिंपिक खेलों में निशानेबाज़ी में रजत पदक जीता था।
बाबुल सुप्रियो पश्चिम बंगाल के आसनसोल से सांसद हैं। उनकी गिनती जाने-माने गायकों में होती है। वह पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए हैं।
साध्वी निरंजन ज्योति उत्तर प्रदेश के हमीरपुर से लोकसभा के लिए चुनी गई हैं। सांसद बनने से पहले वह विधायक थीं। साध्वी निरंजन ज्योति कई धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं से जुड़ी हैं।
विजय सांपला होशियारपुर से लोकसभा सदस्य हैं। वह पहली बार सांसद बने हैं। विजय सांपला की गिनती पंजाब के अहम दलित नेताओं में होती है। सांपला 11 साल तक सऊदी अरब में नौकरी कर चुके हैं।
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