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This Article is From Sep 25, 2020

किसान बिल के विरोध-प्रदर्शन के बीच BJP कार्यकर्ताओं से बोले PM मोदी- किसानों के बीच जाकर विधेयक पर बात करें

पीएम मोदी ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से किसानों के बीच जाकर किसान विधेयक पर उनके संदेहों को दूर करने की सलाह दी है.

किसान बिल के विरोध-प्रदर्शन के बीच BJP कार्यकर्ताओं से बोले PM मोदी- किसानों के बीच जाकर विधेयक पर बात करें
किसान विधेयकों के विरोध के बीच पीएम मोदी ने BJP कार्यकर्ताओं को दी सलाह.
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं (BJP Workers) के साथ एक वर्चुअल कार्यक्रम में बातचीत की और किसान विधेयक (Farm Bills 2020) को लेकर विपक्ष के विरोध की आलोचना की. उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से किसानों के बीच जाकर किसान विधेयक पर उनके संदेहों को दूर करने की सलाह दी. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि आजादी के बाद से ही 'किसानों और मजदूरों को उलझे हुए वादे और कानून मिले हैं', और उनकी सरकार ने बड़े सुधार लाने में अहम योगदान दिया है.

संसद में पास हुए तीन बिलों के विरोध में पंजाब और हरियाणा में किसान बड़ा विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान पीएम मोदी ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा कि 'सभी बीजेपी कार्यकर्ताओं को ग्राउंड पर किसानों से संपर्क करना चाहिए और उन्हें नए कृषि सुधारों की अहमियत और जानकारियों को आसान शब्दों में समझाना चाहिए. उन्हें बताना चाहिए कि ये बिल उन्हें कैसे सशक्त करेंगे. जमीन पर हमारा संपर्क वर्चुअल दुनिया में फैले प्रोपगैंडा का मुकाबला करेगा.'

मोदी ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा, 'किसानों से हमेशा झूठ बोलने वाले कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ की वजह से किसानों को भ्रमित करने में लगे हैं. ये लोग अफवाहें फैला रहे हैं. किसानों को ऐसी किसी भी अफवाह से बचाना भाजपा कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है. हमें किसान के भविष्य को उज्ज्वल बनाना है.' पीएम ने कहा कि 'किसान और श्रमिक के नाम पर देश में, राज्यों में अनेकों बार सरकारें बनीं लेकिन उन्हें मिला क्या? सिर्फ वादों और कानूनों का एक उलझा हुआ जाल. एक ऐसा जाल, जिसको ना तो किसान समझ पाता था और ना ही श्रमिक. किसानों को ऐसे कानूनों में उलझाकर रखा गया, जिसके कारण वो अपनी ही उपज को, अपने मन मुताबिक बेच भी नहीं सकता था. नतीजा ये हुआ कि उपज बढ़ने के बावजूद किसानों की आमदनी उतनी नहीं बढ़ी. हां, उन पर कर्ज जरूर बढ़ता गया.'

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पीएम ने कहा कि 'किसानों को कर्ज लेने की मजबूरी से बाहर निकालने के लिए हमने एक अहम काम पूरी ताकत से शुरू किया है. अब दशकों बाद किसान को अपनी उपज पर सही हक मिल पाया है. कृषि में जो सुधार किए हैं उसका सबसे ज्यादा लाभ छोटे और सीमांत किसानों को मिलेगा.'

उन्होंने कहा कि 'गरीब हो, किसान हो, श्रमिक हो, महिलाएं हों, ये सभी आत्मनिर्भर भारत के मजबूत स्तंभ हैं. इसलिए, इनका आत्मसम्मान और आत्मगौरव ही, आत्मनिर्भर भारत की प्राण-शक्ति है और प्रेरणा हैं. इनको सशक्त करते ही भारत की प्रगति संभव है. आत्मनिर्भरता के व्यापक मिशन से हर कोई जुड़े, सभी को अवसर मिले। यही तो दीनदयाल जी का सपना पूरा करने का प्रयास है.'

बता दें कि शुक्रवार को किसान विधेयकों के विरोध में पंजाब और हरियाणा के किसान बहुत बड़े स्तर पर विरोध कर रहे हैं. वहीं, विपक्षी पार्टियां भी इस मामले को लेकर लामबंद हैं. 

Video: देस की बात: कृषि विधेयकों के विरोध में सड़क पर उतरे किसान

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