चीन समर्थित नकली लोन ऐप (Chinese Fake Loan Apps) के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने याचिकाकर्ता को केंद्र सरकार (Central Government) को प्रतिनिधित्व देने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई बंद की. गौरतलब है कि भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली एक बेंच ने 'सेव देम इंडिया फाउंडेशन" नामक एक एनजीओ द्वारा दायर पीआईएल पर विचार किया था.
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याचिकाकर्ता ने कई मोबाइल-आधारित ऐप की समस्या पर प्रकाश डाला, जो COVID-19 लॉकडाउन अवधि के दौरान सहज लोन के प्रस्तावों के माध्यम से निर्दोष और भोलेभाले लोगों को फंसाने के लिए सक्रिय हो गए. याचिकाकर्ता के अनुसार, यह राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित एक मुद्दा है क्योंकि इनमें से अधिकांश ऐप चीनी कंपनियों द्वारा समर्थित हैं. याचिका में कहा गया था कि ऐसे ऐप अवैध और अनधिकृत हैं क्योंकि उनके पास माइक्रो-फ़ाइनेंसिंग करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक से अपेक्षित अनुमति नहीं है. मामले में प्रधान न्यायाधीश (CJI) एस ए बोबडे ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि आपको गृह मंत्रालय या वित्त मंत्रालय को एक प्रतिनिधित्व करना चाहिए.
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