केंद्र सरकार के पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती के फैसले पर कांग्रेस सांसद पी चिदंबरम ने निशाना साधा है. चिदंबरम ने केंद्र के इस फैसले को 30 विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा की हार से जोड़ा है. चिदंबरम ने ईंधन की कीमतों में कटौती को "उप-चुनावों का उप-उत्पाद" कहा और साथ ही कहा कि यह उनकी पार्टी की स्थिति की पुष्टि करता है कि पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतें उच्च करों का परिणाम थीं, और उच्च कर केंद्र सरकार की "लालच" का परिणाम थे.
चिदंबरम ने आज ट्वीट किया, "30 विधानसभा और 3 लोकसभा उपचुनावों के नतीजों ने उप-उत्पाद का उत्पादन किया है... केंद्र ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती की है!"
Here is another interesting analysis of the results of the by-elections
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) November 3, 2021
In states where the Congress won, it did so with a significantly higher vote share:
- In HP, the Congress vs BJP was 48.9% to 28%
- In Maharashtra, it was 57% to 35%
- In Rajasthan, it was 37.51% to 18.8%
उन्होंने कहा, "यह हमारे आरोप की पुष्टि है कि ईंधन की कीमतें मुख्य रूप से उच्च करों के कारण हैं... और हमारा आरोप है कि उच्च ईंधन कर केंद्र सरकार के लालच के कारण है."
The results of the 30 Assembly and 3 LS by-elections have produced a by-product
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) November 4, 2021
The centre has cut excise duties on petrol and diesel!
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (जो एनडीए I में पेट्रोलियम मंत्री थे) ने जवाब दिया, मोदी सरकार "लोगों की खुशी के साथ-साथ दुख में भी उनके साथ रहने के लिए खड़ी है".
If the accusation is being sensitive to people's demand and sharing their sorrow, we happily accept it as the #ModiGovt stands for being with the people in their happiness as well as in grief. https://t.co/6AjBOtWqFR
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) November 4, 2021
मंगलवार को भाजपा को हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस से (एक लोकसभा और तीन विधानसभा सीटों पर हार) और बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल (चार विधानसभा सीटों) से हार का सामना करना पड़ा. पार्टी कर्नाटक और हरियाणा में भी प्रतिष्ठा की लड़ाई हार गई.
कल रात सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क क्रमशः ₹ 5 और ₹ 10 कम किया है. सरकार ने तेल के दामों में कटौती की घोषणा करते हुए कहा कि यह किसानों को "बढ़ावा" प्रदान करेगा. जिनमें से हजारों लोग एक साल से अधिक समय से नए कृषि कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं.
इस कदम का केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा के मुख्यमंत्रियों ने स्वागत किया, जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को "धन्यवाद" ट्वीट किया. इसके अलावा, 10 भाजपा शासित राज्यों ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में अतिरिक्त कटौती की घोषणा की है. इनमें से पांच राज्यों- गोवा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गुजरात में अगले साल मतदान होगा.
इस हफ्ते (कटौती की घोषणा से पहले) कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सरकार को "पिकपॉकेट" कहा और कहा कि उसने 2018/19 में ₹ 2.3 लाख करोड़ और 2017/18 में ₹ 2.58 लाख करोड़ का संग्रह किया. अकेले इस वित्तीय वर्ष के अप्रैल-जुलाई में संग्रह 48 प्रतिशत बढ़कर ₹ 1 लाख करोड़ हो गया.
जेबकतरों से सावधान!#TaxExtortion pic.twitter.com/VzgpUUhy9p
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 1, 2021
वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में बढ़ोतरी ने पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों को रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचाने में योगदान दिया था.
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