संसद के मॉनसून सत्र (Parliament Monsoon Session) में पेगासस और कृषि कानून के मुद्दे पर विपक्ष ने केंद्र सरकार के खिलाफ हमलावर रुख अख्तियार कर रखा है. विपक्ष के इन हमलावर तेवरों के चलते संसद का मॉनसूत्र विपक्ष के हंगामे के कारण बुरी तरह प्रभावित हुआ है और बार-बार कार्यवाही टालने की नौबत आई है. सरकार के खिलाफ अपनी आगामी रणनीति तैयार करने के लिए विपक्ष सोमवार को संसद भवन में मीटिंग की. कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की अगुवाई में यह बैठक हुई. बैठक में कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी, एनसीपी, शिवसेना, समाजवादी पार्टी (SP), सीपीआईएम, आरजेडी, आप, सीपीआई, आईयूएमएल, एलजेडी, आरएसपी, नेशनल कॉन्फ्रेस और केसी (एम) के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. बैठक में राज्यसभा के विपक्ष के नेता कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खडगे भी मौजूद थे. केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्ष भले ही लामबंद है लेकिन ओबीसी बिल के मुद्दे पर उसने सरकार को समर्थन देने का निर्णय लिया है.
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गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पिछले सप्ताह शुक्रवार और मंगलवार को भी विपक्ष के नेताओं की मीटिंग की थी. पेगासस मुद्दे के अलावा कोरोना महामारी को 'हैंडल' करने में सरकार की कथित नाकामी और किसान आंदोलन इस बैठक में चर्चा के अन्य मुद्दे थे. नए कृषि कानूनों के खिलाफ संसद तक 'सरप्राइज ट्रैक्टर मार्च' के करीब एक सप्ताह बाद 51 वर्षीय राहुल ने साइकिल की सवारी करके पेट्रो उत्पादों की बढ़ती कीमतों के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया था. उन्होंने अन्य सांसदों से भी इसमें भागीदारी का आग्रह किया था.
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इस दौरान कुछ अन्य नेता भी साइकिल पर सवारी करते नजर आए थे. तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा, एनसीपी की सुप्रिया सुले, शिवसेना के संजय राउत और डीएमके की कनिमोझी उन नेताओं में शामिल थे जिन्होंने विपक्ष की इस मीटिंग में हिस्सा लिया. दरअसल, पेगासस के मुद्दे पर मॉनसून सत्र नहीं चल पा रहा है. सरकार विपक्ष पर आरोप लगा रही है, जबकि विपक्ष का कहना है कि सरकार अहम मसलों पर बहस के लिए तैयार नहीं है.
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