लोकसभा ने विवादित Retrospective टैक्स के प्रावधान को खत्म करने के लिए दी टैक्सेशन लॉज़ (अमेंडमेंट) बिल पारित कर दिया है. शुक्रवार को विपक्ष के हंगामे के बीच बिल बिना चर्चा के पारित हो गया. कानून में Retrospective टैक्स के प्रावधान की वजह से सरकार का वोडाफोन और केयर्न एनर्जी जैसी कंपनियों के साथ लम्बे समय से टैक्स विवाद चल रहा था. विपक्ष के हंगामे के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी टैक्सेशन लॉज़ (अमेंडमेंट) बिल लोकसभा में पेश कर दिया. कुछ ही मिनटों में बिना चर्चा के इस बिल को पारित कर दिया गया.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में कहा, "लोकसभा ने रिकॉर्ड कायम किया है, औसतन हर 7 मिनट मे एक बिल पारित कराया गया है. ये भारतीय लोकतंत्र पर अपमानजनक हमला है." शिवसेना सांसद अनिल देसाई ने कहा, "रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स को हटाने से जुड़ा ये महत्वपूर्ण बिल था. इस पर चर्चा होनी चाहिए थी लेकिन बिना चर्चा के उसे पास करना ठीक नहीं था."
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष के इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उन्होंने The Taxation Laws (Amendment) Bill पारित होने के बाद संसद में कहा, "पियूष गोयल और प्रह्लाद जोशी ने बार-बार विपक्ष से कहा है कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं... फिर भी विपक्ष आरोप लगा रहा है कि सरकार दबाव में बिल पारित करा रही है.''
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इस कानून से 2012 से लंबित 17 रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स से जुड़े टैक्स विवादों को सुलझाने में मदद मिलेगी. भारत सरकार के राजस्व सचिव तरुण बजाज ने NDTV से कहा, "Retrospective इफेक्ट से टैक्स न लगाने से जुड़े इस नए बिल के पारित होने पर हमें टैक्स विभाग से जुड़े 17 टैक्स विवाद से जुड़े मामले सुलझाने में मदद मिलेगी. इस बिल के पारित होने के बाद भारत सरकार की टोटल फाइनेंशियल लायबिलिटी करीब आठ हजार करोड़ की होगी. टैक्सेशन लॉ अमेंडमेंट बिल भारत को एक बेहतर इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन के तौर पर तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है."
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