भारत ने शुक्रवार को साउथ एशिया सैटलाइट को सफलतापूर्वक लांच किया.(फाइल फोटो)
                                                                                                                        - भारत ने शुक्रवार को सार्क सैटेलाइट लांच किया
 - पाक ने पहले खुद को इस प्रोजेक्ट से दूर कर लिया
 - अब इसके लिए भारत पर दोष मढ़ रहा है
 
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                                                                                इस्लामाबाद: 
                                        पाकिस्तान ने 'सार्क सैटेलाइट' प्रोजेक्ट से खुद को अलग किए जाने के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि नई दिल्ली सहयोगी आधार पर उपक्रम विकसित करने का इच्छुक नहीं है. दूसरी तरफ, बांग्लादेश ने कहा कि भारत के इस कदम से विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ेगा. पाकिस्तान ने यह दावा उस वक्त किया है जब भारत ने पड़ोसी देशों के संचार एवं आपदा संबंधी सहयोग देने के मकसद से शुक्रवार को 'दक्षिण एशिया उपग्रह' का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया.
पाकिस्तानी विदेश विभाग के प्रवक्ता नफीस जकरिया ने कहा, ''18वें सार्क शिखर बैठक के दौरान भारत ने दक्षेस सदस्य देशों को तथाकथित 'सार्क सैटेलाइट' नामक उपग्रह का तोहफा देने की पेशकश की थी. बहरहाल, भारत ने यह स्पष्ट कर दिया था कि वह इसका अकेले निर्माण करेगा, प्रक्षेपण करेगा और संचालन भी करेगा.'' उधर, बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि दक्षिण एशिया उपग्रह के प्रक्षेपण के बाद बांग्लादेश और भारत के जल, थल और वायु में सहयोग का विस्तार हुआ है. हसीना ने कहा, ''मेरा यह मानना है कि दक्षिण एशियाई क्षेत्र के लोगों की भलाई यहां के देशों के बीच सहयोग के कई क्षेत्रों में सार्थक संपर्क पर निर्भर करता है.''
उल्लेखनीय है कि भारत ने शुक्रवार को सफलतापूर्वक दक्षिण एशिया संचार उपग्रह का प्रक्षेपण किया जिसका पूरी तरह वित्त पोषण भारत कर रहा है और इसे दक्षिण एशिया के पड़ोसी देशों के लिए 'अमूल्य उपहार' बताया जा रहा है जो क्षेत्र के देशों को संचार और आपदा के समय में सहयोग देगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा निर्मित नवीनतम संचार उपग्रह जीसैट-9 को एसएएस रोड पिग्गीबैक कहा जाता है जिसे 50 मीटर लंबे रॉकेट स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन वाले जीएसएलवी से प्रक्षेपित किया गया है. आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से जीएसएलवी-एफ09 को शाम चार बजकर 57 मिनट पर प्रक्षेपित किया गया और जीसैट-09 को कक्षा में स्थापित किया गया.
(एजेंसी भाषा से भी इनपुट)
                                                                        
                                    
                                पाकिस्तानी विदेश विभाग के प्रवक्ता नफीस जकरिया ने कहा, ''18वें सार्क शिखर बैठक के दौरान भारत ने दक्षेस सदस्य देशों को तथाकथित 'सार्क सैटेलाइट' नामक उपग्रह का तोहफा देने की पेशकश की थी. बहरहाल, भारत ने यह स्पष्ट कर दिया था कि वह इसका अकेले निर्माण करेगा, प्रक्षेपण करेगा और संचालन भी करेगा.'' उधर, बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि दक्षिण एशिया उपग्रह के प्रक्षेपण के बाद बांग्लादेश और भारत के जल, थल और वायु में सहयोग का विस्तार हुआ है. हसीना ने कहा, ''मेरा यह मानना है कि दक्षिण एशियाई क्षेत्र के लोगों की भलाई यहां के देशों के बीच सहयोग के कई क्षेत्रों में सार्थक संपर्क पर निर्भर करता है.''
उल्लेखनीय है कि भारत ने शुक्रवार को सफलतापूर्वक दक्षिण एशिया संचार उपग्रह का प्रक्षेपण किया जिसका पूरी तरह वित्त पोषण भारत कर रहा है और इसे दक्षिण एशिया के पड़ोसी देशों के लिए 'अमूल्य उपहार' बताया जा रहा है जो क्षेत्र के देशों को संचार और आपदा के समय में सहयोग देगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा निर्मित नवीनतम संचार उपग्रह जीसैट-9 को एसएएस रोड पिग्गीबैक कहा जाता है जिसे 50 मीटर लंबे रॉकेट स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन वाले जीएसएलवी से प्रक्षेपित किया गया है. आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से जीएसएलवी-एफ09 को शाम चार बजकर 57 मिनट पर प्रक्षेपित किया गया और जीसैट-09 को कक्षा में स्थापित किया गया.
(एजेंसी भाषा से भी इनपुट)
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