नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए पाकिस्तान ने सोमवार को भारतीय उच्चायोग के एक वरिष्ठ राजनयिक को तलब किया. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया कि राखचिकरी और खुइराटा सेक्टर में बिना उकसावे के की गई गोलीबारी में उसके छह नागरिक घायल हो गए. वक्तव्य में आरोप लगाया गया कि भारतीय सेना “नियंत्रण रेखा और कामकाजी सीमा के पास तोपखाने, मोर्टार और स्वचालित हथियारों से गोले दाग कर लगातार नागरिकों को निशाना बना रही है.” पाकिस्तान की ओर से दावा किया गया है कि इस साल संघर्ष विराम का उल्लंघन होने की 1,659 घटनाओं में 14 लोग मारे गए और 129 अन्य घायल हो गए. वक्तव्य के अनुसार भारतीय पक्ष से 2003 में हुए समझौते का मान रखने को कहा गया है.
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने सोमवार को इसके खिलाफ एक प्रस्ताव भी पारित किया है. प्रस्ताव संसदीय मामलों के राज्यमंत्री अली मुहम्मद खान द्वारा लाया गया था. प्रस्ताव में कश्मीरियों को राजनयिक और राजनीतिक समर्थन देने की बात कही गई है. भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और इससे संबंधित मसले भारत का अंदरूनी मामला हैं.
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