भारतीय किसान संगठन के हजारों सदस्य अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं. यह यात्रा नोएडा से शनिवार को सुबह आठ बजे दिल्ली की ओर रवाना होगी. संगठन के नेता का कहना है कि उनकी कोई मांग नहीं है, वे अपने अधिकार मांग रहे हैं. किसानों की पदयात्रा के मद्देनजर नोएडा का प्रशासन सतर्क है. शनिवार को दिल्ली के लोगों को जाम से जूझना पड़ सकता है. किसान फिलहाल सेक्टर-69 स्थित ट्रांसपोर्ट नगर में रुके हैं.
भारतीय किसान संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक सोम ने बताया कि किसानों की अधिकार पदयात्रा की शुरुआत 11 सितंबर को सहारनपुर से हुई. हजारों की संख्या में किसान ट्रैक्टर-ट्रालियों और अपने वाहनों से चल रहे हैं. मांगों के बाबत पूछने पर दीपक सोम कहते हैं, कि उनकी कोई मांग नहीं है, वे तो अपने अधिकार मांग रहे हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव में नेता आए और किसानों का कर्ज माफ करने का वादा करके चले गए. वे जीत गए और वादे भूल गए. किसानों को सस्ती बिजली देने की बात की गई थी, लेकिन सरकार बनने के बाद बिजली के दाम में बेतहाशा इजाफा कर दिया गया है. उनकी मांग है कि किसानों का कर्ज माफ हो, बिजली मुफ्त मिले, किसानों के बच्चों को शिक्षा मुफ्त मिले. इसके अलावा सभी सदनों के सदस्यों (सांसद और विधायक) की पेंशन बंद हो और किसानों की जमीनों पर लगी रजिस्ट्री की रोक हटाई जाए.
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दीपक सोम ने बताया कि उनका संगठन फिलहाल छह राज्यों में है. इस अधिकार पदयात्रा के लिए सभी राज्यों में बैठकें की गई हैं. फिलहाल उनके साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश से भी किसान शामिल हैं. इसके अलावा तीन राज्यों के प्रतिनिधि भी उनके साथ हैं. काफी किसान सीधे दिल्ली पहुंच गए हैं. वह भी दलबल के साथ शनिवार की सुबह दिल्ली के लिए कूच करेंगे. उन्होंने बताया कि दिल्ली में कृषि मंत्री को ज्ञापन सौंपकर अपनी पद यात्रा और धरने को समाप्त करेंगे.
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