तीनों कृषि कानून ( FARM LAWS) रद्द होने के बाद दिल्ली की सीमाओं से जाने के मामले पर किसान संगठनों में दो अलग-अलग मत सामने आ रहे हैं. ज्यादातर किसान संगठन चाहते हैं कि दिल्ली की सीमाओं से किसानों को लौट जाना चाहिए. MSP की गारंटी को लेकर अपने राज्यों में जाकर आंदोलन करना चाहिए. इस संबंध में संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य कुलवंत सिंह संधू ने कहा कि सरकार ने तीनों कृषि कानून रद्द कर दिए हैं. इसलिए हम चाहते हैं कि आंदोलन का स्वरूप बदला जाए. ज्यादातर पंजाब के किसान संगठन दिल्ली की सीमाओं से जाना चाहते हैं. हम सब लोगों को एकमत में लाने की कोशिश कर रहे हैं. हम 4 तारीख की बैठक में दिल्ली की सीमाओं से जाने के लिए एकमत फैसला लाने की कोशिश करेंगे. कुलवंत सिंह ने कहा कि हम जब भी उठेंगे, साथ में ही उठेंगे. उन्होंने कहा कि अब कुछ ही किसान संगठन हैं, जो रूकना चाहते हैं.
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बता दें कि कुलवंत सिंह संधू का बयान तब आया है, जब किसान नेता राकेश टिकैत अभी भी आंदोलन पर अड़े हुए हैं. राकेश टिकैत ने हाल ही में कहा था कि उनके पास और भी कई मुद्दे हैं. इसके आगे MSP का मुद्दा है, फसलों के वाजिब दाम का मुद्दा है. 10 साल पुराने ट्रैक्टर का मुद्दा है और सीड बिल का मुद्दा है. राकेश टिकैत ने कहा था कि हमें वो सरकार मिल नहीं रही है, जिससे बैठकर बात की जाए. सरकार ने हमको बातचीत के लिए एप्रोच नहीं किया है.
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राकेश टिकैत ने कहा था कि अभी फिलहाल मामला नहीं सुलझा है. सरकार मीडिया वालों से बात कर रही है. तो फिर मीडिया वाले ही आंदोलन वापस ले लें. हमे सरकार ने कुछ नहीं कहा है. सरकार हमसे बात करे.आंदोलन के दौरान जो मुकदमे हुए उनको वापस लेने के बारे में कौन बात करेगा? राकेश टिकैत ने सरकार पर मामलों को उलझाने का आरोप भी लगाया था.
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