कांग्रेस ने मंगलवार को कृषि कानूनों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद कंगना रनौत की एक कथित टिप्पणी का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी 2021 में निरस्त किए गए तीन कानूनों को वापस लाने का प्रयास कर रही है और हरियाणा इसका करारा जवाब देगा. कांग्रेस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर रनौत का एक बिना तारीख वाला वीडियो साझा किया, जिसमें वह कथित तौर पर हिंदी में कह रही हैं, ‘‘जो कृषि कानून निरस्त किए गए हैं उन्हें वापस लाया जाना चाहिए. मुझे लगता है कि यह विवादास्पद हो सकता है. किसानों के हित में कानून वापस लाए जाएं. किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए, ताकि उनकी समृद्धि में कोई रुकावट नहीं रहे.''
कांग्रेस का बीजेपी पर आरोप
कांग्रेस ने वीडियो के साथ एक पोस्ट में कहा, ‘‘किसानों पर थोपे गए तीनों काले कानून वापस लाए जाएं: यह बात भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कही है. देश के 750 से अधिक किसान शहीद हो गए, तब जाकर मोदी सरकार जागी और ये काले कानून वापस लिए गए.'' कांग्रेस ने आरोप लगाया कि अब भाजपा सांसद इन कानूनों को वापस लाने की योजना बना रहे हैं. विपक्षी दल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर कहा, ‘‘कांग्रेस किसानों के साथ है. ये काले कानून कभी वापस नहीं होंगे, चाहे नरेन्द्र मोदी और उनके सांसद कितनी भी कोशिश कर लें.''
कंगना के बयान पर कांग्रेस ने बीजेपी को घेरा
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी ‘एक्स' पर रनौत का वीडियो साझा किया और कहा, ‘‘‘तीनों कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए': भाजपा सांसद कंगना रनौत. तीन काले कृषि कानूनों का विरोध करते हुए 750 से अधिक किसान शहीद हो गए.....'' उन्होंने हरियाणा में विधानसभा चुनावों का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘हम ऐसा कभी नहीं होने देंगे. हरियाणा करारा जवाब देगा.'' कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने भी सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर वीडियो साझा किया और कहा कि यह भाजपा की ‘‘असली सोच'' है.
तीन कृषि कानूनों को देशभर में हुआ था विरोध
खेड़ा ने एक पोस्ट में कहा, ‘‘दोगले लोग, किसानों को कितनी बार धोखा दोगे?'' तीन कानून - कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) अधिनियम; कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम; तथा आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम - को नवंबर 2021 में निरस्त कर दिया गया. किसानों का विरोध नवंबर 2020 के अंत में शुरू हुआ था और संसद द्वारा तीनों कानूनों को निरस्त करने के बाद समाप्त हुआ. ये कानून जून 2020 में लागू हुए थे और नवंबर 2021 में निरस्त कर दिए गए.
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