यूपी में विधानसभा चुनाव ( UP Assembly Election) के पहले ओपिनियन पोल (Opinion Polls) का मामला गरमा गया है. समाजवादी पार्टी ने चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों यानी ओपिनियन पोल पर रोक की मांग को लेकर चुनाव आय़ोग का दरवाजा खटखटाया है. हालांकि सपा की इस मांग को लेकर बीजेपी ने उस पर करारा हमला बोला है. समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर न्यूज चैनलों पर दिखाए जा रहे ओपिनियन पोल पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की है. नरेश उत्तम पटेल ने पत्र में लिखा है कि यूपी विधान सभा चुनाव 2022 की तारीखों का ऐलान 8 जनवरी 2022 को हो गया है.
पहले चरण का नामांकन समाप्त हो गया है. उत्तर प्रदेश में सात चरणों में चुनाव होंगे. अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च 2022 को होगा, जबकि मतगणना 10 मार्च 2022 को होगी. उनका कहना है कि कई न्यूज चैनल ओपिनियन पोल दिखा रहे है, जिससे मतदाता भ्रमित हो रहे हैं. इससे चुनाव प्रभावित हो रहा है यह कार्य आदर्श आचार संहिता का खुला उल्लंघन है. नरेश पटेल ने मांग की है कि स्वतंत्र, निष्पक्ष, निर्भीक चुनाव संपन्न कराने के लिए न्यूज चैनलों द्वारा दिखाए जा रहे ओपिनियन पोल पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए.
वहीं चुनाव आयोग से ओपिनियन पोल पर रोक लगाए जाने की मांग पर बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. त्रिपाठी ने कहा, अखिलेश यादव अपनी संभावित हार को देखते हुए बौखलाहट में आ गए हैं. वो कभी चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करते हैं. कभी डिजिटल माध्यमों पर प्रचार प्रसार में अपनी कमजोरी का रोना रोते हैं. अब इलेक्शन सर्वे पर रोक लगाए जाने की मांग कर रहे हैं.
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि वास्तविकता ये है कि जनता के दिलों में मोदी और योगी की लोकप्रियता के रुझान उन्हें परेशान कर रहे हैं ओपिनियन पोल पर रोक लगने से भी समाजवादी पार्टी की हार टल नहीं सकती.
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