कैबिनेट ने पहली बार देश में एक नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी सेटअप करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है. नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी एक ऑटोनोमस सोसाइटी की तरह काम करेगी. इसमें शुरुआत में तीन रिक्रूटमेंट एजेंसी - रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (RRB), बैंकों की IBPS और SSB को मर्ज किया जाएगा. अभी सेंट्रल गवर्नमेंट की 20 रिक्रूटमेंट एजेंसियां हैं. अब एक Preliminary Common Eligibility Test (CET) होगा. यह टेस्ट ऑनलाइन होगा.
छात्रों को अलग-अलग एग्जाम नहीं देना होगा. अभी हर साल ये तीन रिक्रूटमेंट एजेंसियां जो एग्जाम कंडक्ट करती हैं उसमें 2.5 से 3 करोड़ छात्र भाग लेते हैं. कॉमन इलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) का स्कोर तीन साल तक मान्य होगा. प्रिलिमनरी सीईटी का क्युरिकुलम स्टैंडराइज्ड होगा.
इस पर अगले तीन साल में 1517 करोड़ खर्च होने का अनुमान है. हर जिले में एक एग्जाम सेंटर अनिवार्य होगा जिससे स्टूडेंट को ज़िले के बाहर यात्रा न करना पड़े. कोशिश है कि इसे 12 भाषाओं में कराया जाए. छात्रों को एक ही बार रजिस्टर करना होगी, एक ही बार एग्जाम फीस देनी होगी. हर साल भारत सरकार में 1.25 लाख वैकेंसी निकलती हैं.
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