केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए नए नियम जारी किए हैं. यह नई ट्रैवल एडवाइजरी आज से प्रभावी होगी. 'ओमिक्रॉन' के मद्देनजर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद इनकी घोषणा की गई. इसके तहत जिन देशों में खतरा ज्यादा है वहां से आने वाले यात्रियों का कोविड परीक्षण किया जाएगा और नेगेटिव पाए जाने पर सात दिनों तक होम क्वारंटाइन करने के लिए भी कहा गया है. इसके अलावा इस एडवाइजरी में और भी नए नियम डाले गए हैं. यहां पढ़ें क्या है इस एडवाइजरी की पांच अहम बातें—
1."जोखिम भरे" देशों के यात्रियों के आगमन पर कोविड के लिए परीक्षण किया जाएगा और जब तक उनके आरटी-पीसीआर परीक्षण के परिणाम उपलब्ध नहीं हो जाते, वे हवाई अड्डे से बाहर नहीं जा सकते. अगर वे निगेटिव पाए जाते हैं तो भी उन्हें सात दिन के होम क्वारंटाइन से गुजरना होगा और 8 वें दिन फिर से परीक्षण किया जाएगा. प्रभावी होम क्वारंटाइन सुनिश्चित करने के लिए राज्य के अधिकारी खुद उनके घरों का दौरा करेंगे.
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2. कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर यात्रियों को आइसोलेट कर दिया जाएगा और उनका इलाज किया जाएगा, और उनके नमूने तुरंत INSACOG लैब्स नेटवर्क को भेजे जाएंगे. यह एक बहु-प्रयोगशाला, बहु-एजेंसी, अखिल भारतीय नेटवर्क है जिसे सरकार द्वारा SARS-CoV-2 में जीनोमिक वेरिएंशंस की निगरानी के लिए स्थापित किया गया है ताकि जीनोम सीक्वेंसिंग से वायरस का स्ट्रेन पता लगाया जा सके. राज्य तब इन पॉजिटिव व्यक्तियों के संपर्क का पता लगाएंगे और 14 दिनों तक उन्हें फॉलो करेंगे.
3. "जोखिम भरे" देशों के यात्रियों को अपने परिणाम आने तक हवाई अड्डों पर प्रतीक्षा करने की तैयारी करने की सलाह दी जा रही है. अभी के लिए "जोखिम भरे" देशों की सूची में यूनाइटेड किंगडम, यूरोप के सभी 44 देश, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, हांगकांग और इजराइल शामिल हैं.
4. राज्यों को सलाह दी गई है कि वे विभिन्न हवाई अड्डों, बंदरगाहों और भूमि सीमा पार से राज्य में आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों पर कड़ी निगरानी रखें. "टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट, वैक्सीनेट" रणनीति पर फिर से जोर दिया गया है. राज्यों को परीक्षण में तेजी लाने की भी सलाह दी गई है क्योंकि 'ओमिक्रोन' वेरिएंट कथित तौर पर आरटी-पीसीआर और रैपिड एंटीजन टेस्ट से बच नहीं सकता, जिनका उपयोग अब तक कोविड का पता लगाने के लिए किया गया है. परीक्षण के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, परीक्षण दिशानिर्देशों के सख्त कार्यान्वयन और आरटी-पीसीआर परीक्षणों के स्वस्थ अनुपात को बनाए रखने की सलाह दी गई है.
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5. केंद्र ने उन क्षेत्रों की निरंतर निगरानी की भी सलाह दी है जहां हाल ही में पॉजिटिव मामले सामने आए हैं. इसके अलावा सभी पॉजिटिव नमूनों को जीनोम अनुक्रमण के लिए तुरंत INSACOG नेटवर्क को भेजने की भी सलाह दी गई है. ग्रामीण क्षेत्रों और बाल चिकित्सा मामलों पर ध्यान देने के साथ आईसीयू, ऑक्सीजन बेड, वेंटिलेटर आदि की उपलब्धता सहित स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को तैयार रखने की भी सलाह दी गई है. इस साल की शुरुआत में जब भारत में कोविड की दूसरी लहर आई तो स्वास्थ्य सुविधाओं की भारी कमी देखने को मिली थी.
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