महाराष्ट्र निकाय चुनाव में जीत को यूपी में इस्तेमाल करने का प्रयास करेगी बीजेपी
नई दिल्ली:
महाराष्ट्र निकाय चुनावों में शानदार प्रदर्शन और पिछले दिनों ओडिशा निकाय चुनावों में अपनी दमदार उपस्थिति दिखाने के बाद बीजेपी इस कामयाबी का जश्न मनाने जा रही है. इस कड़ी में बीजेपी ने ऐलान किया है कि वह 25 फरवरी को विजय दिवस के रूप में पूरे देश में इस जीत का जश्न मनाएगी. इसके तहत 25 फरवरी देशभर के जिला मुख्यालयों में बीजेपी विजय दिवस मनाएगी. बीजेपी का कहना है कि निगम और स्थानीय निकायों में मिली जीत नोटबंदी पर जनता का समर्थन है. यूपी चुनावों के तीन चरणों से ठीक पहले जश्न मनाकर बीजेपी यूपी के मतदाताओं को भी संदेश देना चाहती है. पार्टी का कहना है कि पूर्वी यूपी में लोगों को बताया जाएगा कि किस तरह महाराष्ट्र और ओडिशा में लोगों ने बीजेपी का समर्थन किया. बीजेपी पूरे देश में जीत रही है आप भी समर्थन करें.
उल्लेखनीय है कि बीएमसी चुनावों में बीजेपी ने पहली बार अकेले दम पर लड़ते हुए 82 सीटें हासिल की हैं. शिवसेना ने 84 सीटें जीती हैं. मुंबई की बृहन्मुंबई महानगरपालिका के चुनावों में बीजेपी शिवसेना से सिर्फ तीन सीटों से पीछे रही. इसके साथ ही पार्टी ने महाराष्ट्र के निगम चुनावों में नौ में से आठ प्रमुख नगरपालिकाओं में भी जीत दर्ज की है.
बीएमसी चुनावों में यह भाजपा का सबसे अच्छा प्रदर्शन है. पांच साल पहले उसने 31 सीटें जीती थीं. पिछले चुनावों में 52 सीटों पर जीत हासिल करने के साथ कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही थी. अबकी बार कांग्रेस को नंबर तीन की स्थिति पर संतोष करना पड़ा. पार्टी के खाते में 31 सीटें आईं. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को नौ तो राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना को सिर्फ सात सीटों से संतोष करना पड़ा. एआईएमआईएम को तीन, समाजवादी पार्टी को छह, अखिल भारतीय सेना को एक और अन्य को चार सीटें मिली हैं.
इससे पहले 14 फरवरी को ओडिशा में स्थानीय निकायों के चुनाव नतीजों में बीजेपी के प्रदर्शन ने सबको चौंका दिया है. पहले चरण के चुनाव में बीजेपी सत्तारूढ़ बीजू जनता दल के बाद दूसरे नंबर पर आई और उसने कांग्रेस को तीसरे नंबर पर धकेल कर प्रमुख विपक्षी दल का स्थान ले लिया है. बीजेपी के इस प्रदर्शन के बाद 2019 में होने वाले अगले लोकसभा और विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी के नेता दावे करने लगे हैं. जिला परिषद की 188 सीटों के लिए हुए पहले चरण के चुनाव में बीजेडी ने 96 सीटें जीतीं, जबकि बीजेपी को 71 सीटों पर कामयाबी मिलीं. कांग्रेस को सिर्फ 11 सीटें ही मिल पाईं. पांच साल पहले हुए चुनाव में जिला परिषद की 851 सीटों में से बीजेडी को 651 सीटें मिली थीं और कांग्रेस को 126. तब बीजेपी सिर्फ 36 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी थी. बीजेपी ने कालाहांडी में सभी 9 जिला परिषद सीटें जीतीं.
उल्लेखनीय है कि बीएमसी चुनावों में बीजेपी ने पहली बार अकेले दम पर लड़ते हुए 82 सीटें हासिल की हैं. शिवसेना ने 84 सीटें जीती हैं. मुंबई की बृहन्मुंबई महानगरपालिका के चुनावों में बीजेपी शिवसेना से सिर्फ तीन सीटों से पीछे रही. इसके साथ ही पार्टी ने महाराष्ट्र के निगम चुनावों में नौ में से आठ प्रमुख नगरपालिकाओं में भी जीत दर्ज की है.
बीएमसी चुनावों में यह भाजपा का सबसे अच्छा प्रदर्शन है. पांच साल पहले उसने 31 सीटें जीती थीं. पिछले चुनावों में 52 सीटों पर जीत हासिल करने के साथ कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही थी. अबकी बार कांग्रेस को नंबर तीन की स्थिति पर संतोष करना पड़ा. पार्टी के खाते में 31 सीटें आईं. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को नौ तो राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना को सिर्फ सात सीटों से संतोष करना पड़ा. एआईएमआईएम को तीन, समाजवादी पार्टी को छह, अखिल भारतीय सेना को एक और अन्य को चार सीटें मिली हैं.
इससे पहले 14 फरवरी को ओडिशा में स्थानीय निकायों के चुनाव नतीजों में बीजेपी के प्रदर्शन ने सबको चौंका दिया है. पहले चरण के चुनाव में बीजेपी सत्तारूढ़ बीजू जनता दल के बाद दूसरे नंबर पर आई और उसने कांग्रेस को तीसरे नंबर पर धकेल कर प्रमुख विपक्षी दल का स्थान ले लिया है. बीजेपी के इस प्रदर्शन के बाद 2019 में होने वाले अगले लोकसभा और विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी के नेता दावे करने लगे हैं. जिला परिषद की 188 सीटों के लिए हुए पहले चरण के चुनाव में बीजेडी ने 96 सीटें जीतीं, जबकि बीजेपी को 71 सीटों पर कामयाबी मिलीं. कांग्रेस को सिर्फ 11 सीटें ही मिल पाईं. पांच साल पहले हुए चुनाव में जिला परिषद की 851 सीटों में से बीजेडी को 651 सीटें मिली थीं और कांग्रेस को 126. तब बीजेपी सिर्फ 36 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी थी. बीजेपी ने कालाहांडी में सभी 9 जिला परिषद सीटें जीतीं.
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