इंद्राणी मुखर्जी (फाइल फोटो)
मुंबई:
शीना बोरा हत्याकांड की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी से जेल में सीबीआई ने घंटों पूछताछ की। इंद्राणी के अचानक बीमार होकर जेल से अस्पताल पहुंचने के मामले में जेल आईजी ने अपनी जांच के बाद खुलासा किया है कि उसने न तो आत्महत्या की कोशिश की थी, न ही उसे अस्पताल पहुंचाने के लिए कोई साजिश रची गई थी। इंद्राणी के खून में कोकीन मिलने की बात पर भी जेल प्रशासन ने कहा कि इसकी मात्रा नगण्य थी।
आईजी जेल ने जांच पूरी की
इंद्राणी मुखर्जी के जेल से अस्पताल पहुंचने के मामले की जांच का जिम्मा आईजी जेल बिपिन कुमार सिंह को सौंपा गया था। जांच पूरी करने के बाद उन्होंने एनडीटीवी को बताया 'मैंने इस मामले में संबंधित 32 लोगों के बयान लिए, सीसीटीवी देखा। इंद्राणी के बयान को दर्ज कर इस नतीजे पर पहुंचा कि मामले में न ड्रग्स ली गई, न दवा का ओवरडोज़ था, न आत्महत्या की कोशिश और न ही कोई साजिश। इंद्राणी मुखर्जी को अस्पताल में भर्ती कराने की वजह थी, उनकी कमजोरी और पुरानी बीमारी।'
नींद की दवाएं दी जाती थीं
अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के आरोप में इंद्राणी 7 सितंबर से जेल में बंद है। जेल में इंद्राणी को तनाव कम करने और नींद आने की दवाएं दी जाती थीं। 2 अक्तूबर को उसकी तबियत बिगड़ने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। उसकी हालत इतनी बिगड़ी कि उसे आईसीयू में ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया। पहले अस्पताल ने कहा कि उसके नमूनों में दवा की ज्यादा मात्रा मिली, फिर फॉरेंसिक रिपोर्ट के हवाले से कहा गया कि ड्रग ओवरडोज जैसी कोई बात नहीं है।
प्रशासन के बदलते रहे बयान
इस मामले में महाराष्ट्र सरकार ने जांच के आदेश दिए, फिर खबर यह भी आई कि इंद्राणी के खून के नूमनों में कोकीन मिला है, लेकिन प्रशासन ने कहा कोकीन की मात्रा नगण्य थी। गृह विभाग के मुख्य सचिव डॉ विजय सतबीर सिंह का कहना था 'इंद्राणी के नमूनों में कोकीन की मात्रा कट ऑफ लेवल से काफी कम थी।'
वैसे इंद्राणी के मामले में हुई गफलत पर सरकारी जवाब अभी भी अधूरे हैं। इस बीच जेल प्रशासन ने यह भी कहा कि इंद्राणी ने अपने पति पीटर मुखर्जी को जेल से 4 खत लिखे, दो खत पीटर की तरफ से भी आए।
आईजी जेल ने जांच पूरी की
इंद्राणी मुखर्जी के जेल से अस्पताल पहुंचने के मामले की जांच का जिम्मा आईजी जेल बिपिन कुमार सिंह को सौंपा गया था। जांच पूरी करने के बाद उन्होंने एनडीटीवी को बताया 'मैंने इस मामले में संबंधित 32 लोगों के बयान लिए, सीसीटीवी देखा। इंद्राणी के बयान को दर्ज कर इस नतीजे पर पहुंचा कि मामले में न ड्रग्स ली गई, न दवा का ओवरडोज़ था, न आत्महत्या की कोशिश और न ही कोई साजिश। इंद्राणी मुखर्जी को अस्पताल में भर्ती कराने की वजह थी, उनकी कमजोरी और पुरानी बीमारी।'
नींद की दवाएं दी जाती थीं
अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के आरोप में इंद्राणी 7 सितंबर से जेल में बंद है। जेल में इंद्राणी को तनाव कम करने और नींद आने की दवाएं दी जाती थीं। 2 अक्तूबर को उसकी तबियत बिगड़ने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। उसकी हालत इतनी बिगड़ी कि उसे आईसीयू में ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया। पहले अस्पताल ने कहा कि उसके नमूनों में दवा की ज्यादा मात्रा मिली, फिर फॉरेंसिक रिपोर्ट के हवाले से कहा गया कि ड्रग ओवरडोज जैसी कोई बात नहीं है।
प्रशासन के बदलते रहे बयान
इस मामले में महाराष्ट्र सरकार ने जांच के आदेश दिए, फिर खबर यह भी आई कि इंद्राणी के खून के नूमनों में कोकीन मिला है, लेकिन प्रशासन ने कहा कोकीन की मात्रा नगण्य थी। गृह विभाग के मुख्य सचिव डॉ विजय सतबीर सिंह का कहना था 'इंद्राणी के नमूनों में कोकीन की मात्रा कट ऑफ लेवल से काफी कम थी।'
वैसे इंद्राणी के मामले में हुई गफलत पर सरकारी जवाब अभी भी अधूरे हैं। इस बीच जेल प्रशासन ने यह भी कहा कि इंद्राणी ने अपने पति पीटर मुखर्जी को जेल से 4 खत लिखे, दो खत पीटर की तरफ से भी आए।
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