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This Article is From Nov 17, 2020

सुप्रीम कोर्ट की केंद्र सरकार को दोटूक, 'यदि टीवी के लिए कोई रेगुलेटरी मैकेनिज्‍म नहीं है तो तैयार करें'

सीजेआई एसए बोवडे की अगुवाई वाली बेंच ने सॉलिसटर जनरल तुषार मेहता से कहा था, 'पहले, आपने उचित तरीके से हलफनामा फाइल नहीं किया और फिर ऐसा हलफनामा पेश किया जो दो अहम प्रश्‍नों का समाधान पेश नहीं करता.

सुप्रीम कोर्ट की केंद्र सरकार को दोटूक, 'यदि टीवी के लिए कोई रेगुलेटरी मैकेनिज्‍म नहीं है तो तैयार करें'
प्रतीकात्‍मक फोटो
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को कहा कि दिल्‍ली की एक मस्जिद में कोरोना वायरस प्रतिबंधों के उल्‍लंघन कर जुटी तब्‍लीगी जमात (Tablighi Jamaat) की भीड़ की मीडिया रिपोर्टिंग से जुड़े मामले में टीवी चैनलों पर की गई कार्रवाई (Action taken against TV channels)पर सरकार चुप है. अदालत ने इस मामले में रेगुलेटरी मैकेनिज्‍म की जरूरत पर जोर दिया. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एसए बोवड़ेे  ने मंगलवार को कहा, 'सरकार की गई कार्रवाई और टीवी चैनलों को रेगुलेट करने के मामले में अधिकारों को लेकर खामोश है. यदि कोई नियामक प्रक्रिया (Regulatory mechanism) नहीं है जो इसे तैयार करें अथवा हम इसे बाहरी एजेंसी को सौंप देंगे. विनियमन (Regulation) को NBA (न्‍यूज ब्रॉडकास्‍ट एसोएिशन) के पास नहीं छोड़ा जा सकता.' उन्‍होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस मसले पर केंद्र सरकार की ओर से पिछले कुछ सप्‍ताह में सौंपे गए हलफनामे से संतुष्‍ट नहीं है.

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आज की सुनवाई उस घटना के बाद हुई थी जब शीर्ष कोर्ट ने जूनियर अफसर को भेजने के लिए सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी और इसे बेहद 'आक्रामक और बेशर्म प्रतिक्रिया' करार दिया था. सीजेआई एसए बोवडे की अगुवाई वाली बेंच ने सॉलिसटर जनरल तुषार मेहता से कहा था, 'पहले, आपने उचित तरीके से हलफनामा फाइल नहीं किया और फिर ऐसा हलफनामा पेश किया जो दो अहम प्रश्‍नों का समाधान पेश नहीं करता. यह इस तरीके से नहीं किया जा सकता मिस्‍टर मेहता. हम आपके जवाब से संतुष्‍ट नहीं हैं. हमने आपसे पूछा कि बताएं क्‍या कार्रवाई की गई लेकिन आपके हलफनामे में इसका जिक्र नहीं है.' SC ने कहा, 'हमें बताएं कि आपके पास मौजूदा कानूनी व्‍यवस्‍था क्‍या है...आपने कोई बात नहीं बताई.'  इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट से कहा कि एक नया हलफनामा फाइल किया जाएगा.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट  की बेंच, जमायत उलेमा ए हिंद और अन्य की ओर से दायर याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी जिनमें आरोप लगाए गए हैं कि मीडिया का एक धड़ा तबलीगी जमात समागम को लेकर सांप्रदायिक नफरत फैला रहा था. शीर्ष न्यायालय ने केंद्र को केबल टीवी नेटवर्क कानून के तहत इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के नियमन की प्रणाली से संबंधित नया हलफनामा दायर करने का भी निर्देश दिया.(भाषा से भी इनपुट)

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