उत्तराखंड में निजी मेडिकल कॉलेजों ने फीस 6 लाख रुपये सालाना से बढ़ाकर 23 लाख रुपये सालाना कर दी थी लेकिन अब NDTV की खबर का असर दिखाई दे रहा है. उत्तराखंड में मेडिकल कॉलेजों की बढ़ी फीस वापस करने का मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा यह निर्णय मेडिकल के छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है जो बढ़ा हुआ वित्तीय बोझ उठाने की स्थिति में नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘‘निजी मेडिकल कॉलेजों के छात्रों और उनके माता-पिता ने मुझसे मुलाकात की और बढ़ा हुआ आर्थिक बोझ उठा पाने में असमर्थता जताई इसके बाद इस आशय का निर्देश जारी किया गया.’’ हालांकि मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही हुई फीस वृद्धि निजी मेडिकल कॉलेजों के प्रशासन ने की थी क्योंकि उन्हें अपने आधरभूत ढांचे को सुदृढ़ बनाए रखने में काफी खर्चा करना पड़ता है. बता दें कि फीस बढ़ोतरी के मामले को एनडीटीवी ने प्राइम टाइम कार्यक्रम में उठाया था कि कैसे निजी मेडिकल कॉलेजों ने फीस को 400 गुना बढ़ा दिया है.
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उत्तराखंड कैबिनेट ने प्राइवेट मेडिकल कॉलेज को मनमाने ढंग से फीस बढ़ाने की छूट दी और उसके बाद जो फीस बढ़ी तो उससे छात्रों की सांसें फूल गईं. इसके बाद छात्रों ने ट्वीटर पर कई नेताओं से मामले पर संज्ञान लेने की गुहार लगाई लेकिन किसी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
अगर बढ़ी हुई फीस की बात करें एमबीबीएस के पहले साल की फीस 6.70 लाख से बढ़ाकर 23 लाख रुपये कर दी गई थी, दूसरे साल की फीस 7.25 लाख से बढ़ाकर 20 लाख तो वहीं तीसरे साल की फीस 7.36 लाख से 26 लाख कर दी गई थी. यही नहीं जो छात्र दूसरे साल में पहुंच गए हैं उनसे पहले साल की बकाया राशि लिए जाने का प्रावधान था यानी दूसरे साल के उन सभी छात्रों को 40 लाख रुपए फीस में देने पड़ते. इन छात्रों में ज्यादातर मध्यम क्षेणी के छात्र हैं जो नीट की परीक्षा पास करके आए हैं.
NDTV पर खबर दिखाए जाने के बाद ऐसा लगता है कि अब सरकार की नींद खुली है और उत्तराखंड में मेडिकल कॉलेजों की बढ़ी फीस वापस करने का CM ने निर्देश जारी किया है.
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