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This Article is From Dec 30, 2021

मैंने कांग्रेस छोड़ी, पर महात्मा गांधी और नेहरू के विचारों को कभी नहीं छोड़ा : शरद पवार

उन्होंने कहा कि मैं साल 1958 में पुणे आया था. मेरे जैसे युवा गांधी, नेहरू और चव्हाण की विचारधाराओं से प्रेरित थे. हमने उस विचार कोअपनाया और आगे काम किया.

मैंने कांग्रेस छोड़ी, पर महात्मा गांधी और नेहरू के विचारों को कभी नहीं छोड़ा : शरद पवार
एनसीपी प्रमुख (NCP chief) शरद पवार ने दिया बयान
पुणे:

एनसीपी प्रमुख (NCP chief) शरद पवार ( Sharad Pawar) ने बुधवार को कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी बनाने के लिए कांग्रेस से अलग होने के बाद भी महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू और यशवंतराव चव्हाण की विचारधाराओं को कभी नहीं छोड़ा. वह पुणे में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का पछतावा नहीं है कि उन्होंने 1999 तक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ( Nationalist Congress Party) बनाने के लिए इंतजार किया. 

उन्होंने कहा कि मैं साल 1958 में पुणे आया था. मेरे जैसे युवा गांधी, नेहरू और चव्हाण की विचारधाराओं से प्रेरित थे. हमने उस विचार कोअपनाया और आगे काम किया.  कांग्रेस उस विचारधारा का मुख्य आधार थी और इसीलिए कभी इससे दूर जाने के बारे में नहीं सोचा. कभी कुछ अलग करने के बारे में नहीं सोचा. मुझे यह फैसला (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी बनाने का) लेना पड़ा. क्योंकि कांग्रेस ने मुझे छह साल के लिए पार्टी से हटा दिया था.

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उन्होंने कहा कि उन्होंने कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में कुछ राय रखने की कीमत चुकाई जो "पचा" नहीं गया. उन्होंने जोर देकर कहा कि हमने कांग्रेस छोड़ दी और एनसीपी का गठन किया, लेकिन हमने गांधी, नेहरू और चव्हाण के विचारों को कभी नहीं छोड़ा. यह पूछे जाने पर कि एक आम धारणा है कि कांग्रेस को मुख्यधारा में लाने के लिए पवार की मदद की आवश्यकता होगी. तो इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि सभी समान विचारधारा वाले लोग एक साथ आएं. 


 

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