Dawood money laundering case: मनी लांड्रिंग मामले में महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता नवाब मलिक (Nawab Malik) को कोर्ट ने सात मार्च तक ईडी की हिरासत में भेजने का निर्देश दिया है. हिरासत अवधि आज यानी 3 मार्च को खत्म हो रही थी और अवधि बढ़ाने के मामले में आज कोर्ट में सुनवाई हुई. प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से अनिल सिंह ने पैरवी की जबकि नवाब मलिक की ओर से अमित देसाई और तारक सय्यद पैरवी ने दलील रखीं. विशेष कोर्ट में सुनवाई की शुरुआत करते हुए एडिशनल सॉलिस्टिर जनरल (एएसजी) अनिल सिंह ने कहा कि ईडी की हिरासत के बीच नवाब मलिक की तबीयत खराब होने के वजह से उन्हें कुछ समय के लिए अस्पताल में भर्ती करना पड़ा, जिसके वजह से पूरी इन्क्वारी नहीं हो पाई. ईडी की ओर से 6 दिन की रिमांड की मांग की गई थी.उन्होंने कहा कि आरोपी की तबियत खराब होने के वजह से ईडी की ओर से पूरी पूछताछ नहीं हो पाई है. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने नवाब मलिक को 7 मार्च तक ईडी हिरासत में भेजने का निर्देश दिया.
इससे पहले, सुनवाई के दौरान अनिल सिंह ने कहा, ' हमने हसीना पारकर के बेटे का बयान अदालत को दिया है, उसके अलावा जेल में बंद आरोपी का भी बयान अदालत को सौंपा है. हम इसकी जानकारी अभी सबको नहीं बता सकते. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अब भी कई लोगों से पूछताछ के साथ ही transaction की जानकारी और जांच निकालना है. कौन कौन लोग शामिल हैं, असली मालिक को कुछ पैसे नहीं दिए गए है ऐसे कई सारे मुद्दे हैं. तबीयत खराब होने के वजह से पूरी पूछताछ नहीं हो पाई, आगे जो नई जानकारियां आई हैं, उसकी भी जांच करना है। इसलिए 6 दिनों की हिरासत की ज़रूरत है.
इस पर नवाब मलिक की ओर से पेश हुए वकील अमित देसाई ने कहा, ' हमने इस मामले को हाईकोर्ट में भी चैलेंज किया है.रिमांड एप्लीकेशन पढ़ने पर जो मैंने पिछली सुनवाई के समय कहा था, वही सच साबित हो रहा है.अब केवल अदालत के हाथ में है कि इन्हें ज़मानत दी जानी चाहिए या नहीं.आज के रिमांड एप्लीकेशन के पहले पन्ने पर ही लिखा है कि यह पिछले रिमांड एप्लीकेशन का ही आगे का भाग है. पिछली बार अदालत में ईडी की ओर से नवाब मलिक और अंडरवर्ल्ड गैंग के बीच संबंध होने की बात कही गई थी, यह कहा गया था कि टेरर फंडिंग पर इनका एक्टिवइनवॉल्वमेंट (सक्रिय भागीदारी)रहा है. हसीना पारकर को 55 लाख रुपये देने का आरोप लगाकर इसे टेरर फंड कहा था.लेकिन आज आप देखिए ईडी की एप्लीकेशन में क्या कहा गया है. आज ईडी का कहना है कि पिछले बार जो 55 लाख रुपये की बात एक टाइपिंग मिस्टेक थी और वो 5 लाख रुपये ही है, लेकिन इसी एप्लीकेशन के आधार पर इन्हें ईडी की हिरासत में भेजा गया किसी को गिरफ्तार करने से पहले 20 बार सोचना चाहिए, सारे फेक्ट्स को इकट्ठा करने के बाद कोई कार्रवाई की जानी चाहिए. ईडी को होमवर्क करने की ज़रूरत है.
देसाई ने कहा, ईडी अगर चाहती तो अस्पताल जाकर भी पूछताछ कर सकती थी, लेकिन उनकी ओर से ऐसा नहीं किया गया.अब ईडी का कहना है कि मनी लॉन्ड्रिंग में इनका अहम रोल है, इन्होंने गिरफ्तार हुए किसी शख्स का बयान अदालत को बताया. उनका कहना है कि इसकी जानकारी सभी से साँझा नहीं कि जा सकती.यह जांच की जानकारी को confidential रख सकते हैं, लेकिन आज सुबह के अखबार में इसी ट्रांजेक्शन की बात खुले तौर पर की गई है. टाइम्स ऑफ इंडिया में इस मामले में पहले ही लिखा गया है, और अब अदालत में इसे गोपनीय (कांफिडेंशियल)बताया जा रहा है. टाइम्स ऑफ इंडिया में लिखा है कि नवाब मलिक ने कुर्ला में एक और land grabbing किया है और ईडी को इसके कागज़ात मिले हैं. अब जब मामले मे जांच चल रही है तो फिर यह अखबार के पास कैसे गया. अदालत में ईडी का कहना है कि हम evidenve tamper कर सकते हैं इसलिए हमें इसकी जानकारी नहीं दी जाएगी, लेकिन मीडिया के पास अदालत से पहले जानकारी कैसे आ जाती है? यह आज के अखबार में आया है. जो मैंने पिछली बार कहा वही मैं आज भी कह रहा हूँ। यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग का नहीं है, आज वापस रिमांड की माँग की गई है. गिरफ्तारी या कस्टडी की ज़रूरत नहीं है, यह जानबूझकर किया जा रहा है.'
बता दें, नवाब मलिक को प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले सप्ताह बुधवार को गिरफ्तार किया था और इसी दिन उन्हें आठ दिन तक प्रवर्तन निदेशालय की रिमांड पर भेजा गया था. केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी पिछले हफ्ते बुधवार सुबह 6 बजे एनसीपी नेता मलिक के घर पहुंचे, जहां उनसे एक घंटे पूछताछ की गई. थी इसके बाद उन्हें ईडी दफ्तर लाया गया था और लंबी पूछताछ चली. पूछताछ के बाद मलिक को गिरफ्तार कर लिया गया था.मुंबई अंडरवर्ल्ड, भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) और उसके गुर्गों की गतिविधियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने पूछताछ के बाद मलिक को गिरफ्तार किया था.जानकारी के अनुसार,, दाऊद के साथियों के साथ कथित लेन-देन और उनके साथ जमीन के सौदे को लेकर नवाब मलिक से पूछताछ की गई थी. ईडी ने कहना है कि पूछताछ के दौरान नवाब मलिक टाल-मटोल कर रहे थे और उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया. हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय ने कई जगहों पर छापेमारी की थी और इस मामले में दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर को भी कस्टडी में लिया था. सूत्रों के मुताबिक, जांच के दौरान नवाब मलिक द्वारा खरीदी गई संपत्ति से जुड़े कुछ सबूत सामने आए थे.
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