सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आज अपनी बैठक में एक शीर्ष नियुक्ति को वापस लेने के लिए सहमति व्यक्त की. तीन घंटे तक चली मुलाकात के बाद दोनों नेता मुस्कुराते हुए दिखे. सूत्रों ने कहा, ''सिद्धू साहब मान गए हैं (सिद्धू ने भरोसा कर लिया है). सूत्रों की मानें तो पंजाब में आगामी चुनाव को देखते हुए और शासन को मजबूत आधार देने के लिए कांग्रेस ने समन्वय समिति गठित करने का भी फैसला लिया है.
सिद्धू मंत्रियों, पुलिस प्रमुख और अटॉर्नी जनरल सहित प्रमुख नियुक्तियों को लेकर नाराज थे. सूत्रों का कहना है कि चन्नी ने कम से कम एक पर सिद्धू की मांग को स्वीकार कर लिया है. सूत्रों ने कहा कि समझौते के ब्योरे का खुलासा दिल्ली में किया जाएगा. जब दोपहर में सिद्धू पटियाला से चंडीगढ़ के लिए गाड़ी से उतरे तो समझौते के संकेत दिखाई दे रहे थे.
Chief Minister has invited me for talks … will reciprocate by reaching Punjab Bhawan, Chandigarh at 3:00 PM today, he is welcome for any discussions !
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) September 30, 2021
मुलाकात से पहले सिद्धू ने ट्वीट किया था, "मुख्यमंत्री ने मुझे बातचीत के लिए आमंत्रित किया है... आज दोपहर 3:00 बजे पंजाब भवन, चंडीगढ़ पहुंचकर बातचीत होगी, किसी भी चर्चा के लिए उनका स्वागत है!"
नवजोत सिद्धू के सलाहकार मोहम्मद मुस्तफा ने भी NDTV से कहा था कि "इस मुद्दे को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा". मुस्तफा ने कहा, "कांग्रेस नेतृत्व नवजोत सिद्धू को समझता है और सिद्धू कांग्रेस नेतृत्व से परे नहीं हैं. वह अमरिंदर सिंह नहीं हैं, जिन्होंने कभी कांग्रेस और उसके नेतृत्व की परवाह नहीं की."
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व समझता है कि सिद्धू "कई बार भावनात्मक रूप से कार्य करते हैं".
जुलाई में पंजाब कांग्रेस प्रमुख नामित किये गये सिद्धू ने मंगलवार को यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि वह "पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडे से कभी समझौता नहीं कर सकते."
सिद्धू का इस्तीफा गांधी परिवार के लिए एक आश्चर्य था; राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने चुनाव के करीब एक बड़ा राजनीतिक जोखिम उठाते हुए अमरिंदर सिंह के खिलाफ उनका समर्थन किया था.
कल सिद्धू ने अपने इस कदम का बचाव करते हुए एक वीडियो पोस्ट किया था. "मेरी लड़ाई मुद्दों पर आधारित है और मैं लंबे समय से इसके साथ खड़ा हूं. मैं अपनी नैतिकता, अपने नैतिक अधिकार से समझौता नहीं कर सकता. मैं जो देख रहा हूं वह पंजाब में मुद्दों, एजेंडा के साथ समझौता है. मैं आलाकमान को गुमराह नहीं कर सकता."
मुख्यमंत्री चन्नी ने कल कहा था कि वह कुछ नियुक्तियों पर पुनर्विचार कर सकते हैं. चन्नी ने संवाददाताओं से कहा, "मैंने सिद्धू से कहा कि पार्टी परामर्श में विश्वास करती है, कृपया आइए और हम इसे ठीक कर सकते हैं. अगर किसी को किसी नियुक्ति पर कोई आपत्ति है, तो मैं उस पर कठोर नहीं हूं. कोई अहंकार नहीं है."
यह भी पढ़ें
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं